साल 2020 में ऐसा दौर आया जब इंसान हुआ घर में कैद और जानवरों ने किया सड़कों पर राज

Edited By Anil dev,Updated: 31 Dec, 2020 01:15 PM

national news punjab kesari welcome 2021 bye bye 2020 corona virus

पूरी दुनिया साल 2020 को अंतिम विदाई देने के लिए तैयार है। कोरोना महामारी से लिहाज से दिल्ली के लिए साल 2020 में कोरोना वायरस से जंग काफी मुश्किलों भरी रही, लेकिन कोरोना योद्धाओं और रणनीतिक फैसलों के माध्यम से राजधानी ने महामारी का डटकर सामना किया।

नेशनल डेस्क: पूरी दुनिया साल 2020 को अंतिम विदाई देने के लिए तैयार है। कोरोना महामारी से लिहाज से दिल्ली के लिए साल 2020 में कोरोना वायरस से जंग काफी मुश्किलों भरी रही, लेकिन कोरोना योद्धाओं और रणनीतिक फैसलों के माध्यम से राजधानी ने महामारी का डटकर सामना किया। कोरोना महामारी को रोकने और उसकी चेन को तोडऩे के लिए लॉकडाउन तक लगाया गया। एक समय ऐसा भी आया, जब इंसान घर के अंदर कैद हो गया और सड़कों पर जानवरों का राज था। इतना ही नहीं कई ऐसी चीजें देखने और सुनने को मिली, जिसकी शायद किसी ने कल्पना तक नहीं की थी। दिल्ली में एक मार्च को कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था जब इटली से लौटा पूर्वी दिल्ली का एक कारोबारी इसे संक्रमित पाया गया। 11 अप्रैल को संक्रमण के मामलों की संख्या एक हजार का आंकड़ा पार कर 1069 तक पहुंच गई जबकि उस दिन तक मृतकों की तादाद 19 थी। इसके बाद 27 अप्रैल को संक्रमितों की संख्या 3000 से आंकड़े को पार कर गई। 

PunjabKesari

इसके बाद जैसे-जैसे लॉकडाउन बढ़ाया गया, वैसे-वैसे लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल, राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, और गुरु तेगबहादुर (जीटीबी) अस्पतालों को कोविड-19 केन्द्रों में तब्दील किया गया और निजी अस्पतालों को भी बढ़ते मरीजों के उपचार के लिये बिस्तरों का प्रबंध करने निर्देश दिया गया। राष्ट्रीय राजधानी में 23 जून को संक्रमण के पहले दौर के बारे में पता चला जब उस समय एक ही दिन में संक्रमण के सबसे अधिक 3,947 नए मामले सामने आए। इसके बाद दिल्ली में युद्धस्तर पर तैयारियां की गईं। कोरोना योद्धाओं ने महामारी के खिलाफ जंग के सरकार के प्रयासों को आगे बढ़ाया और अस्पतालों तथा एंबुलेंस में सफेद लैब कोट, पीपीई किट पहनकर महामारी का सामना किया जबकि खाकी वर्दी वाले पुलिसकर्मियों ने लॉकडाउन का पालन कराने के लिये दिन रात काम किया। लॉकडाउन के दौरान साफ नीले आसमान और स्वच्छ यमुना नदी की तस्वीरों सोशल मीडिया पर तैरने लगीं। खुशनुमा मौसम, साफ-सुथरी सड़कों और घरों ने महामारी के मनोवैज्ञानिक बोझ को कम करने में मदद की। 

PunjabKesari

इस बीच 24 जून को दिल्ली मुंबई को पीछे छोड़कर भारत का कोरोना वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित शहर बन गया। शहर में इस तारीख तक कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 70 हजार से अधिक हो गई थी। राष्ट्रीय राजधानी में जब संक्रमण के मामलों में तेज उछाल देखा जा रहा था तब केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये खुद मोर्चा संभाला । दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने सितंबर की शुरूआत में पीटीआई भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा था कि रोगियों और संदिग्ध मरीजों को घरों में पृथक करने की नीति जून में महामारी के बढऩे से रोकने के मामले में रुख बदलने वाली साबित हुई है। दिल्ली की सरकार ने बाद में भी इसी नीति पर चलना जारी रखा। अगस्त से दिल्ली सरकार ने जांचों की संख्या बढ़ाना शुरू किया । तब तक प्रतिदिन औसतन 18 हजार जांच की जा रही थीं, जो अक्टूबर में बढ़कर 56000 और दिसंबर में लगभग 90 हजार पहुंच गई। हालांकि इस बीच भी कोरोना वायरस का प्रकोप जारी रहा। इस अवधि के दौरान दिल्ली ने सितंबर में दूसरे और नवंबर में कोरोना वायरस संक्रमण के तीसरे दौर का सामना किया। 

PunjabKesari

इस दौरान कई बार एक दिन में संक्रमण के चार हजार से अधिक मामले सामने आए। नवंबर कोरोना वायरस महामारी के लिहाज से इस साल का सबसे बुरा महीना रहा। दिल्ली में अब तक एक दिन में संक्रमण के सबसे अधिक 8,593 मामले 11 नवंबर को सामने आए जबकि 19 नवंबर को राजधानी में सबसे अधिक 131 की मौत हुई। इस प्रकार, काफी उतार-चढ़ाव के बीच दिल्ली कोरोना वायरस महामारी का सामना कर रही है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!