Edited By Anil dev,Updated: 31 Mar, 2021 06:38 PM
पश्चिम बंगाल चुनावी हलचल के बीच कोरोना के मामले में फिर से वृद्धि होने लगे हैं। कोलकाता में डॉक्टरों को आशंका है कि पश्चिम बंगाल में जल्दी ही कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर आ सकती है जो बेहद गंभीर होगी क्योंकि लोग महामारी से जुड़े दिशानिर्देशों...
नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल चुनावी हलचल के बीच कोरोना के मामले में फिर से वृद्धि होने लगे हैं। कोलकाता में डॉक्टरों को आशंका है कि पश्चिम बंगाल में जल्दी ही कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर आ सकती है जो बेहद गंभीर होगी क्योंकि लोग महामारी से जुड़े दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने चेताया कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन से वैसी ही स्थिति पैदा हो सकती है जैसी 2020 में दुनिया भर में वायरस संक्रमण के फैलने के वक्त थी। संक्रामक रोग और बेलियाघाट सदर अस्पताल में पोस्ट-कोविड-19 फॉलोअप क्लिनिक के प्रभारी संजीब बंदोपाध्याय के अनुसार, निकट भविष्य में राज्य में संक्रमण का बेहद तेजी से प्रसार हो सकता है। संक्रामक रोग और बेलियाघाट सदर अस्पताल, कोविड-19 के लिए समर्पित अस्पताल था।
कोविड-19 के लिए समर्पित, एम. आर. बागुर अस्पताल के अधीक्षक शिशिर नस्कर ने राज्य में हाल के दिनों में बढ़े कोविड-19 के मामलों के लिए आम जनता की लापरवाही को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा, च्च्किसी भी महामारी में प्रकृति का नियम है कि दूसरी और तीसरी लहर होगी। यह सब समाप्त होगा, लेकिन हम लापरवाह नहीं हो सकते हैं। हमारे राज्य में बीमारी से लड़ाई में आम लोगों की लापरवाही संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार है। बंदोपाध्याय ने कहा कि राज्य में ज्यादा से ज्यादा लोगों के संक्रमित होने का खतरा है क्योंकि बड़ी संख्या में लोग राजनीतिक रैलियों और बैठकों में बिना मास्क के शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि रैलियों में जब नेता भाषण देते हैं और लोग नारेबाजी करते हैं तो ऐसे में उनके मुंह से ज्यादा मात्रा में ड्रॉपलेट निकलते हैं, और उनमें से ज्यादातर लोग मास्क नही लगाये होते हैं, ऐसे में उनके आसपास के लोगों के लिए भी खतरा बढ़ जाता है।
बंदोपाध्याय ने कहा, यह खतरनाक स्थिति है। हम पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में लोगों को रैलियों और राजनीतिक बैठकों में भाग लेते हुए देख रहे हैं और उनलोगों को महामारी से जुड़े प्रोटोकॉल का कोई ख्याल नहीं है। बंगाल में विधानसभा चुनाव आठ चरणों में हो रहा है जो 29 अप्रैल को समाप्त होगा। आईडी एंड बीजी अस्पताल की प्रिंसिपल अनिमा हल्दर ने भी पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के मामलों में अचानक हुई वृद्धि के लिए लोगों की लापरवाही को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा, च्च्आप सिर्फ राजनीतिक दलों को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं। मैंने पिछले साल दुर्गा पूजा के दौरान लोगों को बिना मास्क के और दो गज की दूरी का पालन नहीं करते हुए देखा। वे लोग चाय की टपरी पर बैठ कर गप्प करते हैं, सामाजिक कार्यक्रमों और विवाह समारोहों में भाग लेते हैं, होली मनाते हैं। उन्होंने कहा, ऐसे में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि होना तय है। हम अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते हैं। हालात गंभीर हैं और उनके अधिक बिगडऩे की आशंका है। पश्चिम बंगाल में पिछले 30-40 दिनों में कोविड-19 के मामलों में चार गुना वृद्धि हुई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार, रविवार को राज्य में संक्रमण के 827 नए मामले आए, जो इस साल सबसे ज्यादा हैं।