Edited By Anil dev,Updated: 18 Sep, 2021 06:34 PM
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई में तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) के विधायक और नेता पार्टी का लगातार साथ छोड़ रहे हैं।
नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई में तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) के विधायक और नेता पार्टी का लगातार साथ छोड़ रहे हैं। शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने भाजपा छोड़ कर तृणमूल की सदस्यता हासिल की तो इस कड़ी में एक और बड़ा नाम जुड़ गया। तृणमूल सांसद कुणाल घोष ने सुप्रियो के शामिल में शामिल होने पर कहा, ‘‘भाजपा के कई नेता तृणमूल के संपकर् में हैं। वे भाजपा से संतुष्ट नहीं हैं। एक आज शामिल हुए, दूसरे कल शामिल होना चाहते हैं। यह प्रक्रिया चलती रहेगी। रुकिए और देखते रहिए।''
दरअसल पश्चिम बंगाल में वधिानसभा चुनाव से पहले भाजपा तृणमूल के कई बड़े नेताओं को अपने पाले में लाने में कामयाब हुई थी। इनमे पूर्व रेल मंत्री मुकुल रॉय, दिनेश त्रिवेदी, पश्चिम बंगाल में मंत्री रहे सुभेन्दु अधिकारी और राजीव बनर्जी जैसे बड़े नाम शामिल हैं। अब राज्य में ठीक उसके उलट हो रहा है। भाजपा के कई वधिायक और नेता तृणमूल का दामन थामने को बेसब्र दिखाई दे रहे हैं। चुनाव नतीजों के कुछ समय बाद ही रॉय ने भाजपा छोड़ तृणमूल में वापसी कर ली। तब रॉय ने इशारा दिया था कि भाजपा से बड़ी संख्या में विधायक तृणमूल में आने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया था कि करीब 24 विधायक तृणमूल के संपर्क में हैं।
इससे पहले कालियागंज से भाजपा विधायक सौमेन रॉय कोलकाता में पश्चिम बंगाल में राज्य मंत्री और तृणमूल पार्टी नेता पार्थ चटर्जी की मौजूदगी में तृणमूल में शामिल हुए थे। इसके अलावा बागदा से विधायक विश्वजीत दास भी भाजपा छोड़ तृणमूल में शामिल हुए थे। इस फेहरिस्त में भाजपा विधायक तन्मय घोष का नाम भी शामिल है। घोष ने आरोप लगाया था कि भाजपा प्रतिशोध की राजनीति में लिप्त है। दूसरी तरफ भाजपा ने आरोप लगाया है कि उनके विधायकों को डरा धमका कर तृणमूल में शामिल होने के लिए बाध्य किया जा रहा है। गत विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 77 सीटें जीती थी लेकिन अब विधायकों की संख्या 72 ही बची है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ने प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई थी। राज्य की 294 सीटों में पाटर्ी ने 213 सीटों पर जीत हासिल की थी और सुश्री बनर्जी ने लगातार तीसरी बार सरकार बनाई ।