Edited By Anil dev,Updated: 01 Aug, 2018 11:29 AM
राष्ट्रीय नगारिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर शुरु हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। इसी बीच खुफिया एजेंसियो ने केंद्र सरकार को सतर्क किया है कि एनआरसी के छिड़े विवाद के बीच असम में कानून व्यवस्था बिगडऩे का खतरा मंडरा रहा है। देश विरोधी लोग इस स्थिति...
हैदराबाद: राष्ट्रीय नगारिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर शुरु हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। इसी बीच खुफिया एजेंसियो ने केंद्र सरकार को सतर्क किया है कि एनआरसी के छिड़े विवाद के बीच असम में कानून व्यवस्था बिगडऩे का खतरा मंडरा रहा है। देश विरोधी लोग इस स्थिति का फायदा उठा सकते हैं। इस बीच मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए राज्य चुनाव आयोग को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वोटर लिस्ट से लोगों को बाहर करने में जल्दबाजी न दिखाएं।
असम जैसी स्थिति से बन सकते हैं गृह युद्ध के हालात
वहीं इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि अगले आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराना बहुत जरूरी है क्योंकि वह असम की तरह अन्य राज्यों में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर बनाना चाहती है जिससे देश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है। बनर्जी ने मंगलवार को यहाँ लव योर नेबर नामक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि भाजपा ने असम में इस रजिस्टर से 40 लाख लोगों को बाहर कर दिया। अब वह बंगाल, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्य में ऐसे रजिस्टर से करोड़ों लोगों को बाहर कर देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए यह हथकंडे अपना रही है क्योंकि वह बंगलादेशियों के नाम पर वह लोगों को बांटना चाहती है। उन्होंने कहा कि पहले भारत, पाकिस्तान और बंगलादेश एक देश थे। 1971 तक जो भी भारत में रहा, वह उसका हिस्सा है क्योंकि उसके बाद ही बांग्लादेश बना, इसलिए उन्हें घुसपैठिया नहीं कहा जा सकता।