Edited By shukdev,Updated: 07 Dec, 2019 07:26 PM
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पेंशनधारकों ने न्यूनतम पेंशन साढ़े सात हजार रुपए किए जाने समेत कोश्यारी समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को अविलंब नहीं माना गया तो वह 25 जनवरी के बाद देशव्यापी...
नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पेंशनधारकों ने न्यूनतम पेंशन साढ़े सात हजार रुपए किए जाने समेत कोश्यारी समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को अविलंब नहीं माना गया तो वह 25 जनवरी के बाद देशव्यापी आंदोलन करेंगे। ‘ईपीएस 95 नेशनल एजिटेशन कमेटी' के नेतृत्व में पेंशनधारकों ने शनिवार को रामलीला मैदान में विशाल रैली की।
कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशनधारक लंबे समय से मांग करते चले आ रहे हैं किंतु सरकार की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार न्यूनतम पेंशन साढ़े सात हजार करने और कोश्यारी समिति की अन्य मांगों पर अविलंब विचार नहीं करती है तो उन्हें देशव्यापी आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा।
सिंह ने कहा सिंह कि उच्चतम न्यायालय ने चार अक्टूबर आदेश दिया है जिसके अनुसार वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन के लाभ से भी पेंशनधारियों को वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने सरकार से पेंशनधारियों के अधिकारों की रक्षा का आग्रह किया और कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती तो वह 25 जनवरी के बाद देशव्यापी आदोलन शुरू करेंगे। रैली मे शामिल होने आए बड़ी संख्या में बुजुर्ग पेंशनभागियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर शांतिपूर्ण मार्च निकालने की कोशिश की किंतु उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया।
पेंशनधारक ‘बस, बहुत हो चुका, नहीं सहेंगे नाइंसाफी, लेकर रहेंगे हम इंसाफ' आदि नारे लगा रहे थे। सिंह ने कहा,‘अगर 25 जनवरी तक हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। ये हमारी सरकार से आर-पार की लड़ाई होगी। बहरहाल, हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी आवाज़ सुनेगी और मांगों को पूरा करेगी।'प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार शाम प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह से भी मुलाक़ात की थी और ज्ञापन सौंपकर ईपीएफओ की शिकायत की थी।
उल्लेखनीय है कि कोश्यारी कमेटी ने 2013 में ही तत्कालीन सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपी थी। इनमें सेवानिवृत्त कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन की गारंटी और महंगाई भत्ता देने का प्रावधान किया गया है। रिपोर्ट में किसी कर्मचारी की असमय मृत्यु होने पर उसके पति या पत्नी को सहायता राशि देना भी शामिल है।