Edited By Anil dev,Updated: 11 Oct, 2018 12:26 PM
राष्ट्र: जलवायु परिवर्तन के चलते पिछले 20 साल में आई प्राकृतिक आपदाओं से भारत को 79.5 अरब डॉलर का आॢथक नुकसान उठाना पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एक रपट में यह जानकारी दी है। ‘आर्थिक नुकसान, गरीबी और आपदा : 1998-2017’’ शीर्षक वााली इस रपट में...
संयुक्त राष्ट्र: जलवायु परिवर्तन के चलते पिछले 20 साल में आई प्राकृतिक आपदाओं से भारत को 79.5 अरब डॉलर का आॢथक नुकसान उठाना पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एक रपट में यह जानकारी दी है। ‘आर्थिक नुकसान, गरीबी और आपदा : 1998-2017’’ शीर्षक वााली इस रपट में जलवायु परिवर्तन से होने वाले महत्वपूर्ण बदलाव या मौसमी घटनाओं के वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पडऩे वाले प्रभाव का आकलन किया गया है। इसे संयुक्त राष्ट्र के आपदा जोखिम में कमी लाने के लिए काम करने वाले विभाग ने तैयार किया है।
आर्थिक नुकसान में दर्ज की गई 151 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी
रपट में कहा गया है कि 1998 से 2017 के बीच जलवायु परिवर्तन के चलते आने वाली प्राकृतिक आपदाओं से सीधे होने वाले आॢथक नुकसान में 151 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इस दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2,908 अरब डॉलर का सीधा नुकसान हुआ है। यह उससे पिछले दो दशकों में हुए नुकसान के मुकाबले दोगुना अधिक है। बुधवार को जारी इस रपट में कहा गया है जलवायु परिवर्तन का जोखिम बढ़ रहा है। कुल आॢथक नुकसान में बड़ी मौसमी घटनाओं से होने वाली हानि की हिस्सेदारी 77 प्रतिशत है, जो 2,245 अरब डॉलर के करीब है।
1978 से 1997 के बीच हुआ था 895 अरब डॉलर का सीधा आर्थिक नुकसान
इस तरह 1978 से 1997 के बीच इनसे 895 अरब डॉलर का सीधा आर्थिक नुकसान हुआ था। इसमें अमेरिका को 944.8 अरब डॉलर, चीन को 492.2 अरब डॉलर, जापान को 376.3 अरब डॉलर, भारत को 79.5 अरब डॉलर और प्यूर्तो रिको को 71.7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। बाढ़, तुफान और भूकंप से होने वाले ज्यादा आर्थिक नुकसान में तीन यूरोपीय देश शीर्ष पर हैं। इसमें फ्रांस को 48.3 अरब डॉलर, जर्मनी को 57.9 अरब डॉलर और इटली को 56.6 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।