नेचर टूरिज्म : योग के साथ ले सकेंगे मसाज का मजा

Edited By ,Updated: 14 Dec, 2016 08:29 AM

nature tourism

शहर में टूरिज्म को प्रोमोट करने के लिए अभी तक चंडीगढ़ प्रशासन कई जुगाड़ लगा चुका है। मगर इस बार प्रशासन ऐसे प्रोजैक्ट पर काम करने जा रहा है जिसकी बदौलत चंडीगढ़ की पहचान देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बन चुकी है।

चंडीगढ़(विजय) : शहर में टूरिज्म को प्रोमोट करने के लिए अभी तक चंडीगढ़ प्रशासन कई जुगाड़ लगा चुका है। मगर इस बार प्रशासन ऐसे प्रोजैक्ट पर काम करने जा रहा है जिसकी बदौलत चंडीगढ़ की पहचान देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बन चुकी है। पहली बार चंडीगढ़ को ‘नेचर टूरिज्म’ की थीम पर प्रोमोट करने का फैसला लिया गया है। जिसके तहत देश-विदेश के पर्यटकों को सिटी ब्यूटीफुल तक लाने के लिए नेचर को आधार बनाया जाएगा।

 

चंडीगढ़ में जल्द ही नेचर टूरिज्म के तहत मसाज और योगा का सहारा लिया जाएगा। इसके लिए चंडीगढ़ प्रशासन के फॉरैस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट ने पटियाला की राव का लोकेशन फाइनल किया है। दरअसल, ग्रीनरी और शांत एरिया को इस प्रोजैक्ट के दो अहम कांसैप्ट बताए जा रहे हैं। वाइल्ड लाइफ इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया ने इस लोकेशन को हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही प्रशासन ने इंस्टीच्यूट से जानकारी मांगी है कि नेचर टूरिज्म के तहत यहां पर और किन पहलुओं को जोड़ा जा सकता है। प्रशासनिक अधिकारियों को फिलहाल इस रिपोर्ट का इंतजार है।

 

सुखना सैंक्चुरी पर उठे थे सवाल :
नाइट सफारी प्रोजैक्ट के लिए प्रशासन द्वारा तीन ऑप्शन दिए थे। इनमें सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी, सुखना लेक और पटियाला की राव के नाम शामिल थे, लेकिन इनमें से सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी के नाम पर सवाल उठने लगे थे। दरअसल, यह रिजर्व फॉरैस्ट एरिया है। जहां रात के समय किसी भी प्रकार की डिस्टरबैंस नियम के खिलाफ होती है। डिपार्टमैंट भी इस बात को जानता है इसलिए ऐसी कम उम्मीद ही जताई जा रही थी कि मिनिस्ट्री ऑफ फॉरैस्ट एंड वाइल्ड लाइफ द्वारा यहां नाइट टूरिज्म के तहत किसी भी प्रकार की एक्टिविटी करने की परमिशन देगी।

 

पंजाब के कहने पर नाइट टूरिज्म कैंसिल :
इससे पहले पटियाला की राव में नाइट टूरिज्म की प्लानिंग चल रही थी। वाइल्ड लाइफ इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया की टीम यहां का दौरा भी करके गई, लेकिन पंजाब द्वारा इस पर ऑब्जैक्शन की गई। दरअसल, पंजाब का कहना है कि छतबीड़ जू को पहले ही इंस्टीच्यूट ने नाइट टूरिज्म के लिए चुन लिया है। यहां पर नाइट सफारी भी शुरू की जानी है। ऐसे में अगर चंडीगढ़ भी नाइट सफारी का प्रोपोजल तैयार करता है तो इसकी काफी कम उम्मीद है कि केंद्र सरकार द्वारा दोनों लोकेशन को परमीशन दे दी जाए। इस पर पंजाब ने चंडीगढ़ से कहा कि एनिमल वाला हिस्सा छतबीड़ जू के लिए छोड़ दिया जाए। चंडीगढ़ किसी और कांसैप्ट पर काम करे। इसलिए चंडीगढ़ को नाइट सफारी का प्रोपोजल कैंसिल करना पड़ा।

 

पशु चिकित्सकों की कमी बनी अड़चन :

नाइट टूरिज्म के लिए चंडीगढ़ के पास पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर भी मौजूद नहीं है। दरअसल, पटियाला की राव में ही नाइट सफारी की प्लानिंग भी चल रही थी, लेकिन इसके लिए पशु चिकित्सकों की भी टीम होनी जरूरी बताई गई। जिस पर प्रशासन को इस प्रोजैक्ट से पीछे हटना पड़ा। वाइल्ड लाइफ इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया की टीम पहले से ही छतबीड़ जू में कंसल्टैंट के तौर पर काम कर रही है।

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