'वायु प्रदूषण खतरनाक स्थिति पर ,हर व्यक्ति लगाए पांच पेड़'

Edited By Anil dev,Updated: 08 Jun, 2019 03:51 PM

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देश में वायु प्रदुषण की खतरनाक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए वैज्ञानिकों ने मानसून के दौरान प्रति व्यक्ति पांच पेड़ लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) के तत्वावधान में शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में...

लखनऊ: देश में वायु प्रदुषण की खतरनाक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए वैज्ञानिकों ने मानसून के दौरान प्रति व्यक्ति पांच पेड़ लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) के तत्वावधान में शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने जल एवं वायु प्रदूषण को कम करने के उपायों पर विचार विमर्श किया। भारतीय वानस्पतिक सर्वेक्षण, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के निदेशक डॉ. अशिहो ए. माओ ने हिमालय क्षेत्र में 750 मीटर से 6000 मीटर की ऊंचाई तक पाए जाने वाले रोडोडेंड्रन पौधे के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस पौधे को हिमालय वन क्षेत्र में ऊचाई का सूचक माना जाता है। 

उत्तर पूर्व हिमालय क्षेत्र में भिन्न भिन्न रंगों केफूलों वाले रोडोडेंड्रन की कई प्रजातियां पायी जाती है। इस पौधे को सिक्किम प्रदेश द्वारा द्वारा अभयारण्य स्थापित कर संरक्षित किया गया हैं। भारी मात्रा में उपलब्धता के कारण सिर्फ द्वारा इसका उपयोग पेय के रूप में भी किया जा रहा है। डॉ. माओ ने बताया कि भारत में प्रति व्यक्ति पेड़ की संख्या सबसे कम हैं। वैश्विक स्तर पर तापमान में हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रति व्यक्ति द्वारा मानसून सीजन में कम से कम पांच पौधा रोपित किया जाए जिससे भविष्य के पर्यावरण को सुरक्षित किया जा सके। उन्होने कहा कि भविष्य के सुरक्षित पर्यावरण के लिये प्राण वायु पौधों का वृक्षारोपण अतिआवश्यक हैं।

माओं ने भारतीय वानस्पतिक सर्वेक्षण द्वारा पौधरोपण हेतु चलाये जा रहे प्रयासों को भी बताया 7 कार्यक्रम की शुरुआत में इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ एनवायर्नमेंटल बॉटनिस्ट्स (आईएसईबी) के सचिव डॉ. आर डी त्रिपाठी ने बताया कि एनबीआरआई पिछले दो दशकों से पर्यावरण सुरक्षा एवं जलवायु परिवर्तन पर शोध कार्य कर रहा है 7 एनबीआरआई ने जल एवं वायु प्रदूषण को कम करने वाले कई पौधे खोजे हैं जिनका उपयोग वर्तमान में नदियों और वायु को शुद्ध करने में किया जा रहा है 7 संस्थान के निदेशक प्रो. एस के बारिक ने वायु प्रदूषण के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि वैश्विक स्तर पर वायु प्रदुषण खतरनाक स्थिति पर पहुच चुका हैं जिसका सब को मिल कर सामना करने की जरुरत है। इस अवसर पर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने के लिये संस्थान के पर्यावरण सूचना प्रणाली केंद्र द्वारा पौधे और प्रदूषण विषय पर एक पोस्टर प्रदर्शनी लगायी गई जिसमे पौधों द्वारा पर्यावरण प्रदूषण निवारण दर्शाया गया। 

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