Edited By Monika Jamwal,Updated: 23 May, 2019 05:17 PM
जम्मू कश्मीर की छह संसदीय सीटों के परिणाम आ चुके हैं। जम्मू, उधमपुर और लद्दाख में जहां भगवा रंग में लिपटा कमल हिलौरे मार रहा है तो वहीं श्रीनगर, अनंतनाग और बारामूला में हल ने अपना कमाल दिखाया है।
जम्मू : जम्मू कश्मीर की छह संसदीय सीटों के परिणाम आ चुके हैं। जम्मू, उधमपुर और लद्दाख में जहां भगवा रंग में लिपटा कमल हिलौरे मार रहा है तो वहीं श्रीनगर, अनंतनाग और बारामूला में हल ने अपना कमाल दिखाया है। बात अगर पीडीपी की करें तो महबूबा के सारे दांव उल्टे पड़ गये और आतंकवादियों की हितैषी बनकर भी उन्हें सिर्फ निराशा हाथ लगी।
जम्मू-पुंछ सीट से जुगल किशोर शर्मा एक बार फिर विजयी साबित हुये और उधमपुर-डोडा सीट पर भी पूर्व पीएमओ मंत्री डा जतिन्द्र सिंह ने परचम फहरा दिया। लद्दाख के सूखे रेगिस्तान में भी कमल ने अपनी महक बिखेरी है। जनता ने मोदी के नाम पर खूब वोट दिये जिसका फायदा उम्मीदवारों ने उठाया क्योंकि उम्मीदवार के नाम पर अगर वोट दिये जाते तो यकीनन लाल सिंह तीसरे पायदान पर न खड़े होते।
कश्मीर में नैकां एक बार फिर खुद को साबित कर गई। बाप-बेटे की जोड़ी ने पार्टी का नेतृत्व ऐसे हिसाब से किया कि तीनों सीटों पर हल ही हल दिखाई दी। महबूबा को सिवाय निराशा के कुछ नहीं मिला। हांलाकि विधायक रहे इंजीनियर रशीद इस मौके पर एक कड़ी टक्कर साबित हुये। जम्मू कश्मीर में कांग्रेस का भी बुरा हाल रहा। कांगे्रस किसी भी सीट पर कब्जा नहीं कर पाई। महबूबा ने तो यहां तक कह दिया कि कांग्रेस को अमित शाह जैसा कोई लाना चाहिये।
नये नेताओं पर बात करें तो छह सांसद जो संसद में जनता ने पहुंचाये हैं उनमें डा जतिन्द्र सिंह, जुगल किशोर, फारूक अब्दुल्ला हसनैन मसूदी, अकबर लोन और जामयांग टीसीरिंग नामंग्याल।