राज्‍यसभा में नवंबर 2020 तक बहुमत में होगा NDA, जानिये संख्‍याबल का पूरा गणित

Edited By Yaspal,Updated: 28 May, 2019 06:18 PM

nda will be in majority in the rajya sabha by november 2020

भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में अगले साल नवंबर  में राज्यसभा में पूरी तरह से बहुमत में होगी। ऐसा होने की स्थिति में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कुछ महत्वपूर्ण बिलों को संसद के दोनों सदनों में पारित कराने की स्थिति....

नेशनल डेस्कः भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में अगले साल नवंबर  में राज्यसभा में पूरी तरह से बहुमत में होगी। ऐसा होने की स्थिति में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कुछ महत्वपूर्ण बिलों को संसद के दोनों सदनों में पारित कराने की स्थिति में होगी। राज्य सभा में पर्याप्त संख्याबल न होने के कारण पिछली नरेंद्र मोदी सरकार इन महत्वपूर्ण विधेयकों को विपक्ष के अड़ंगे के कारण पास नहीं करा सकी थी।

इसी साल दिखेगा बदलाव
मौजूदा वक्त में राज्यसभा में एनडीए के 102 सदस्य हैं, जबकि उच्च सदन से किसी विधेयक को पारित कराने के लिए 123 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होती है। कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए की 65 और अन्य दलों की 73 सीटें हैं। हालांकि, इसी साल उच्च सदन में बदलाव दिखाई देने लगेगा। राज्यसभा में साल 2019 में 10 और साल 2020 में 72 सीटें खाली होंगी। उच्च सदन में इस साल जो दस सीटें रिक्त होंगी, उनमें असम के हिस्से में दो, तमिलनाडु की छह, बिहार और ओडिशा की एक-एक सीट है।

किस राज्य में कितनी सीटें
अगले साल जो 72 सीटें खाली होंगी, उनमें यूपी के हिस्से की 10, महाराष्ट्र में 7, तमिनाडु में 6, बंगाल-बिहार में 5-5, कर्नाटक, गुजरात आंध्र प्रदेश और ओडिशा की 4-4 सीटें होंगी। साल 2020 में ही राजस्थान, मध्य प्रदेष और असम में 3-3 सीटें, जबकि हरियाणा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और झारखंड के हिस्से की 2-2 सीटें खाली होंगी। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश की 1-1 सीटें भी खाली होंगी।

मौजूदा वक्त में संख्याबल
एनडीए- 102 सीटें
यूपीए- 65 सीटें
गैर एनडीए और गैर यूपीए दल- 73 सीटें
नामित सदस्‍य- 8

पास हो सकते हैं महत्वपूर्ण बिल
उच्च सदन में पर्याप्त संख्याबल नहीं होने से केंद्र की मोदी सरकार दोनों सदनों से तीन तलाक और नागरिक संशोधन विधेयक नहीं पारित करा सकी है। लोकसभा से इन पर मुहर तो लग जाती है। लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते दोनों विधेयक संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा से पास नहीं हो पाते हैं। गौरतलब है कि 16वीं लोकसभा भंग होते ही विवादास्पत नागरिकता संशोधन विधेयक और तीन तलाक पर रोक लगाने वाला विधेयक निरस्त हो गए हैं। केंद्र की मोदी सरकार तीन तलाक के खिलाफ अध्यादेश लाई थी।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कुछ समय तक राज्यसभा से बाहर रहना पड़ सकता है। उच्च सदन के सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल अगले महीने जून में समाप्त हो रहा है। लगातार पांच बार राज्यसभा के सदस्य चुने गए मनमोहन का छह साल का कार्यकाल 14 जून को समाप्त हो रहा है। असम से खाली होने जा रही राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव आयोग ने सात जून को चुनाव कराने की घोषणा कर दी है। इनमें से एक सीट पूर्व प्रधानमंत्री की है तो दूसरी सीट सांतियूस कुजूर की है। वह भी कांग्रेस के सदस्य हैं।
 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!