Edited By vasudha,Updated: 15 Nov, 2018 07:06 PM
देश में गरीबी को कम करने और विकास का फायदा गरीबों तक पहुंचाने के लिये उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करना जरूरी है। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने बचत एवं खुदरा बैंकों के 25वें विश्व सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि विकास की बाट जोह रहा कोई समाज जीवन की...
नेशनल डेस्क: देश में गरीबी को कम करने और विकास का फायदा गरीबों तक पहुंचाने के लिये उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करना जरूरी है। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने बचत एवं खुदरा बैंकों के 25वें विश्व सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि विकास की बाट जोह रहा कोई समाज जीवन की गुणवत्ता में सुधार और विकास का फल गरीबों तक पहुंचाने के लिए अनिश्चितकाल तक प्रतीक्षा नहीं कर सकता है।
जल्द दिखेगा आर्थिक वृद्धि का प्रभाव
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं के लिए उच्च आर्थिक वृद्धि दर आवश्यक है। हम उच्च आर्थिक वृद्धि के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को गरीबी के गर्त से उबारना और उनका जीवन सुधारना चाहते हैं। लेकिन हम विकास और प्रगति का फायदा कुछ लोगों तक सीमित रह जाने और बाकी के उससे वंचित होने के जोखिम को लेकर भी सजग है। उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि का प्रभाव निश्चित रूप से दिखेगा लेकिन यह एक धीमी प्रक्रिया है और विकास की बाट जोह रहा समाज अनिश्चितकाल तक इसका इंतजार नहीं कर सकता है।
सरकार का उद्देश्य लोगों को बैंक से जोडऩा
जेतली ने नरेंद्र मोदी सरकार में चलाये गये वित्तीय समावेश अभियान पर बोलते हुये कहा कि हमारा उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं से नहीं जुड़े लोगों को बैंक से जोडऩा, असुरक्षित लोगों को सुरक्षित करना और पूंजीहीन लोगों को वित्त पोषित करना और जिन क्षेत्रों में सेवाएं नहीं थी, वहां सेवाएं पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि भारत में अब भी अधिकांश लोगों के पास बीमा और पेंशन की सुरक्षा नहीं है। जन धन योजना खातों के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के तहत सस्ती प्रीमियम पर लोगों के लिये बीमा की पेशकश की गयी है। कुल 14.1 करोड़ लोगों का दुर्घटना बीमा किया गया है जबकि 5.5 करोड़ लोगों को जीवन बीमा दिया गया है।
नयी कर प्रणाली ऑनलाइन
जेतली ने कहा कि अर्थव्यस्था को औपचारिक रूप देने के लिये सरकार ने बड़े मूल्य वाले नोट (500 और 1,000 रुपये) को बंद किया था। जिससे बड़ी मात्रा में बैंकिंग प्रणाली में नकदी आ गयी थी। सरकार ने नयी कर व्यवस्था माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली पेश की। इससे विभिन्न कर एक कर में समाहित हो गये हैं। उन्होंने कहा कि नयी कर प्रणाली पूरी तरह से ऑनलाइन है और बहुत सी गतिविधियों को औपचारिक प्रणाली में लेकर आई है।