Edited By Tanuja,Updated: 19 Jul, 2020 01:32 PM
नेपाली प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली की भारत विरोधी नीतियों व टिप्पणियों का उनके अपने देश में भी विरोध होने लगा है। नेपाल की जनता का मानना है कि नेपाल के पीएम तीन के उकसावे में आकर भारत के साथ रिश्ते तो बिगाड़ ही रहे ...
इंटरनेशनल डेस्कः नेपाली प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली की भारत विरोधी नीतियों व टिप्पणियों का उनके अपने देश में भी विरोध होने लगा है। नेपाल की जनता का मानना है कि नेपाल के पीएम तीन के उकसावे में आकर भारत के साथ रिश्ते तो बिगाड़ ही रहे हैं बल्कि नेपाली नागरिकों को भी संकट की ओर धकेल रहे हैं। यही वजह है कि नेपाल में ल बड़ी संख्या में लोग चीन के खिलाफ गुस्सा निकाल रहे हैं। चीन की शह पर नेपाल की ओली सरकार पर अंगीकृत नागरिकता लाकर मधेशियों का हक छीनने का प्रयास करने का आरोप लगाकर जनमत पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला फूंका।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि चीन कुत्सित राजनीति कर भारत व नेपाल के बीच रोटी-बेटी के संबंध को पूरी तरह से खत्म करना चाहता है। जनमत पार्टी के रूपनदेही अध्यक्ष रामकेश गुप्ता ने कहा कि नेपाल सरकार की नागरिकता कानून का उनकी पार्टी विरोध करती है। हर गांव में इस आने वाले कानून के खिलाफ पार्टी जनजागरण कर रही है। बैठकों व सभा के जरिए लोगों को एकजुट किया जा रहा है। जनता को बताया जा रहा है कि चीन की शह पर ओली सरकार मधेशी जनता के संग विभेद कर रही है। वक्ताओं ने कहा कि पार्टी मधेशी जनता के हक की लड़ाई लड़ती रही है और आगे भी लड़ती रहेगी। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने चीनी राष्ट्रपति से बाज आने की सलाह देते हुए कहा कि वह भारत-नेपाल के रिश्ते बिगाड़ने की कोशिश न करे।