Edited By vasudha,Updated: 24 Jan, 2019 01:07 PM
इस वर्ष गूगल मैप ने दो पहिया वाहन और साइकिल का रास्ता दिखाने की सुविधा दी। गूगल द्वारा अपने मैप में दी गई नई ''शेअर ट्रिप'' विशेषता का लोगों ने खूब फायदा लिया...
इस वर्ष गूगल मैप ने दो पहिया वाहन और साइकिल का रास्ता दिखाने की सुविधा दी। गूगल द्वारा अपने मैप में दी गई नई 'शेअर ट्रिप' विशेषता का लोगों ने खूब फायदा लिया। इस विशेषता के जरिए कोई व्यक्ति सफर दौरान अपनी असल लाइव स्थिति को व्हाट्सएप, फेसबुक और मैसेंजर से शेयर कर सकता है। खबरें और कुश भी सुनने के लिए गूगल असिस्टेंट से काम करने वाला ऑनडिमांड ऑडियो अच्छा काम कर रहा है। कई सुरक्षा कारणों से हालांकि व्हाट्सएप ने पोस्टों को फॉरवर्ड करने की गिनती 5 तक सीमित कर दी है लेकिन स्टिक्कर भेजने की सुविधा का यूजर पूरा लाभ ले रहे हैं। एप्पल फोनो के लिए व्हाट्सएप ने सामूहिक कॉल बटन दे दिया है ।आंखों पर बुरे प्रभाव को रोकने और बैटरी की आयु लंबी करने के लिए व्हाट्सएप जल्द 'डार्क मोड' ऑप्शन का गिफ्ट देने वाला है।
पूरी दुनिया में वाई-फाई की सुविधा देने के लिए चीन एक विशेष योजना तहत 272 उपग्रह छोड़ेगा। इस उद्देश्य के लिए एक उपग्रह लांच भी किया जा चुका है और इस प्रोजेक्ट के 2020 तक पूरा होने की आशा है। देश में इंटरनेट की स्पीड 16GBPS तक बढ़ाने के लिए इसरो ने 18 किलोग्राम GSAT-11 उपग्रह लॉन्च किया है। एप्पल अपने फोन को 5G नेटवर्क के समृद्ध बनाने के लिए 2020 तक सफल हो जाएगा। एप्पल ने नींद का पैटर्न ट्रैक करने वाले एक स्मार्ट कंबल की खोज की है। यह कंबल 54 सेंसरों ओर कुश कैमरों से लैस होगा जो सोते हुए व्यक्ति की शारीरिकगतिविधियां पर नजर रखेगा और सेहत के बारे में मुश्किलों की चेतावनी देगा। हिंसा भड़काने वाली सामग्री पर काबू पाने के लिए गूगल, फेसबुक, व्हाट्सएप सोशल मीडिया माध्यमों ने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने का फैसला किया है। कंप्यूटर क्षेत्र की इस नई तकनीक में अगले वर्ष और निखार आएगा।
फेसबुक यूजर्स को एक ओर विशेषता देने वाली है जिसके तहत खुद यूजर हिंसा भड़काने, सनसनी फैलाने वाली पोस्टों के चुनित शब्दों को दर्ज करके उनको ब्लॉक कर टाइम-लाइन से हटा सकता है।भारतीय नीति आयोग ने अमाजोन अलेक्सा की तर्ज पर 18 भारतीय भाषाएं में काम करने वाले यंत्र बनाने की योजना बनाई है जिसको बोलकर कमांड दी जाएगी। यह गीत-संगीत सुनाने, ख़बरें पड़ने, मौसम के हाल के बारे में ताजा जानकारी देगा। आगामी वर्ष की शुरुआत से भारत सरकार ने ड्रोन उड़ाने को हरी झंडी दे दी है। एन ड्रोनों का उपयोग बड़े अस्पतालों में कृतम और दान किए इंसानी अंग और जरूरी दवाइयों को लाने-लेजाने के लिए किया जाएगा। इस वर्ष अपने-आप चलने वाली कारें ने अखबारों की खूब सुर्खियां बटोरी। उबेर और गूगल की सहायक कंपनी वोमो ने तो यहां तक भी कह दिया है कि आगामी एक दशक में निजी कारें रखने का रुझान काफी कम पड़ जाएगा। सुरक्षा की दुष्टि से लोग बिना ड्राइवर वाली कारों पर सफर करना पसंद करेंगे।
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस से लैस इंस्टाग्राम दी नई विशेषता से दृष्टिहीनों के लिए नए रस्ते खोले हैं। अब इंस्टाग्राम में स्क्रीन रीडर की मदद से फोटो की व्याख्या को सुना जा सकता है। इस वर्ष गूगल सर्च पर अच्छे की-वर्डों को ढूंढने का जबरदस्त रुझान दर्ज किया गया। इस वर्ष अच्छे नागरिक, अच्छे स्रोता, अच्छे गायक बनने के टिप्स जानने के लिए रिकॉर्ड तोड़ गिनती दर्ज हुई है। आने वाला समय क्लाउड कंप्यूटिंग का होगा। यूजर्स को अपने कंप्यूटर और स्मार्टफोन के साथ लोकल स्टोरेज (हार्ड डिस्क और मेमोरी कार्ड) रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप क्लाउड से डाटा स्टोर करें ओर दुनिया के किसी भी कोने से बेरोक लेकिन सुरक्षित तरीके से यूज़ करें।
बहुराष्ट्रीय कंपनियां के पास प्रत्येक पल बड़ी तादाद में डाटा एकत्र हो रहा है। अगर इसका विश्लेषण करके कल्याण के कार्यों बरता जाए तो एक बड़ी क्रांति आ सकती है। डेटा के विश्लेषण से संबंधित इस तकनीक को 'बिग डाटा' का नाम दिया जाता है। आने वाले कुछ वर्षों में इसकी अहमियत और बढ़ेगी। घर के दरवाजे, पानी वाली टंकी, ऐसी, हिटर, खेत की बम्ब्बी को स्मार्टफोन से उन्ग्लिओं के पोटों से नियंत्रण किया जा सकता है। इस तकनीक को 'इंटरनेट आफ थिंग्स' का नाम दिया जाता है। अगामी वर्ष इस टेक्नोलॉजी में बड़ा इजाफा होने वाला है। इस तकनीक से हमारे रोजाना काम वाले यंत्र सीधा इंटरनेट से जुड़ जाएंगे। एक अनुमान तहत 2020 तक 30 अरब से अधिक यंत्र इस तकनीक से जुड़ जाएंगे। जनता की सुरक्षा के लिए टेक्नोलॉजी विकसित करना, दुर्घटनाओं और अपराधियों पर काबू पाना, अमीरी गरीबी के गैप को दूर करके खुशहाली लाना, किसानों और मजदूरों की आत्महत्या एक बड़ी चुनौती है। यह तो आने वाला समय ही बताएगा क्या नई टेक्नोलॉजी के दावे लोगों की भलाई के लिए कहां तक सच साबित होते हैं।
डा. सी पी कम्बोज (पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला)