Edited By Yaspal,Updated: 25 Nov, 2020 02:14 AM
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लव-जिहाद की घटनाओं को रोकने के लिए मंगलवार को ‘धर्मांतरण कानून’ को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट से पास कानून में विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और जुर्माने की सजा का...
नेशनल डेस्कः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लव-जिहाद की घटनाओं को रोकने के लिए मंगलवार को ‘धर्मांतरण कानून’ को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट से पास कानून में विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और जुर्माने की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही देश में लव-जिहाद को लेकर नई बहस छिड़ गई है। हाल की घटनाओं को देखते हुए भाजपा शासित प्रदेश लव-जिहाद पर कानून लाने की बात कर रहे हैं। वहीं, विपक्ष ने इसे राष्ट्र को विभाजित करने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए बनाया गया एक शब्द बताया है।
'धर्मांतरण कानून' में ऐसा धर्म परिवर्तन भी अमान्य
- सामूहिक धर्म परिवर्तन पर 3 से 10 साल की सजा, 50 हजार रुपए जुर्माना
- जबरन धर्म परिवर्तन करने पर 1 से 5 साल की सजा, 15 हजार रुपए जुर्माना
- SC/ST लड़कियों के धर्म परिवर्तन पर 3 से 10 साल की सजा, 25 हजार रुपए जुर्माना
- मर्जी पर धर्म परिवर्तन के लिए डीएम को देनी होगी सूचना
- केवल शादी के लिए धर्म परिवर्तन नहीं होगा मान्य
- छल-कपट से कराया गया धर्म परिवर्तन अपराध
भाजपा शासित प्रदेश कानून लाने की तैयारी में
उत्तर प्रदेश की तर्ज पर ही अन्य भाजपा शासित प्रदेश लव-जिहाद के खिलाफ कानून लाने की बात कर रहे हैं, इनमें मध्य प्रदेश, हरियाणा, असम, कर्नाटक आदि शामिल हैं। लेकिन कांग्रेस शासित प्रदेश या फिर राज्य स्तरीय पार्टियों ने इसका विरोध किया है। उत्तर प्रदेश का कानपुर जिला हो या फिर हरियाणा का फरीदाबाद, इन सबमें एक बात समान रूप से देखी गई कि लड़की पर जबरन धर्म परिवर्तन करने का दबाव डाला जा रहा था। हरियाणा के फरीदाबाद में एक हिंदू लड़की ने विशेष समुदाय के लड़के से विवाह करने से मना किया तो उसकी दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने लव-जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की बात कही।
लव-जिहाद को लेकर क्या बोले मध्य प्रदेश के गृह मंत्री
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी लव-जिहाद को लेकर कानून बनाने की बात कर चुके हैं। नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि मध्य प्रदेश में भी लव-जिहाद के खिलाफ कानून लाएंगे, जिसमें कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान होगा। उन्होंने कहा कि लव जिहाद पर कानून लाने पर उन्होंने साफ कर दिया कि बढ़ती घटनाएं देखते हुए हमारे पास इसके खिलाफ कानून लाने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा।
अशोक गहलोत ने बताया वोटबैंक की राजनीति
वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे 'बांटने की राजनीति' करार देते हुए कहा कि भाजपा वोटबैंक की राजनीति करती है। गहलोत ने कहा कि लव जिहाद भाजपा का राष्ट्र को विभाजित करने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए बनाया गया एक शब्द है। उन्होंने कहा कि भाजपा देश में एक ऐसा वातावरण बना रहे हैं, जहां सहमति के साथ विवाह करने वाले भी राज्य की दया पर निर्भर होंगे। उन्होंने कहा कि शादी एक व्यक्तिगत फैसला है और वे इस पर अंकुश लगा रहे हैं। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता को छीनने जैसा है। गहलोत ने आगे कहा कि शादी व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है। इस पर अंकुश लगाने के लिए कोई कानून लागना पूरी तरह से असंवैधानिक है और यह कानून कोर्ट में नहीं टिक पाएगा। प्रेम में जिहाद का कोई स्थान नहीं है।
क्या बोले छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा नेताओं ने भी अंतर-धार्मिक शादियां की हैं। कितनों पर लव जिहाद कानून लागू हुआ है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अंतर-धार्मिक शादी कर रहे हैं, उसे लेकर कानून बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या ये कानून सुब्रह्मण्य स्वामी और अन्य भाजपा नेताओं के परिवार पर भी लागू होगा?
औवैसी ने साधा भाजपा पर निशाना
एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हैदराबाद से सासंद असुद्दीन औवैसी ने लव-जिहाद कानून पर कहा कि इस तरह का कानून संविधान की धारा 14 और 21 के खिलाफ है। स्पेशल मैरिज एक्ट को तब खत्म कर दें। कानून की बात करने से पहले उन्हें संविधान को पढ़ना चाहिए।' साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी युवाओं का ध्यान बेरोजगारी से हटाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है।
प्यार को न बनाएं राजनीतिक हथकंडा
बंगाली अभिनेत्री और टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने कहा कि प्यार बहुत ही निजी चीज है। प्यार और जिहाद दोनों एक साथ नहीं चल सकते। चुनाव से पहले लोक इस तरह के मुद्दे लेकर आते हैं। आप किसे अपनाना चाहते हैं यह आपकी अपनी पसंद है। प्यार में रहें और एक दूसरे से प्यार करें। धर्म को राजनैतिक हथकंडा न बनाएं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों कथित ‘लव जिहाद' के खिलाफ कानून बनाने का ऐलान किया था। पिछले महीने जौनपुर और देवरिया में हुए उपचुनावों के लिए रैलियों को संबोधित करते हुए, योगी ने कहा था कि उनकी सरकार 'लव जिहाद' से निपटने के लिए एक कानून लेकर आएगी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अभी हाल में फैसला दिया था कि सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। मुख्यमंत्री योगी ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि था, ‘‘जो लोग नाम छिपाकर बहू बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ करते हैं, अगर वे नहीं सुधरे तो राम नाम सत्य की उनकी अंतिम यात्रा निकलने वाली है।'' उन्होंने कहा था कि लव जिहाद में शामिल लोगों के पोस्टर चौराहों पर लगाए जाएंगे।