Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Dec, 2017 07:31 PM
गोवा में फर्जी तरीकों से एनआरआई को प्रॉपर्टी बेचने वालों की अब खैर नहीं। इसकी रोकथाम के लिए राज्य सरकार एक नया कानून बनाने जा रही है। इस कानून के बनने के बाद राज्य में कोई भी व्यक्ति फर्जी तरीके से संपत्ति की खरीद-फरोख्त एनआरआई को नहीं कर पाएगा।...
नई दिल्लीः गोवा में फर्जी तरीकों से एनआरआई को प्रॉपर्टी बेचने वालों की अब खैर नहीं। इसकी रोकथाम के लिए राज्य सरकार एक नया कानून बनाने जा रही है। इस कानून के बनने के बाद राज्य में कोई भी व्यक्ति फर्जी तरीके से संपत्ति की खरीद-फरोख्त एनआरआई को नहीं कर पाएगा। गौरतलब है कि गोवा में 23 फीसदी एनआरआई लोगों की समुद्र तटों के आसपास की संपत्तियों में निवेश करते हैं।
उत्तर गोवा में कैंडोलीम के लोकप्रिय समुद्र तट के पास संपत्ति की दरें 5,500 से 6,000 प्रति वर्ग फुट रुपए हैं। इसकी तुलाना में दक्षिण गोवा के तटीय गांव मजोड़ो में 3,100 रूपये प्रति वर्ग फुट की कीमत हैं। इस तरह संपत्ति की कीमतें उपलब्ध सुविधाओं के मुताबिक हर जगह अलग-अलग है। वहीं, समुद्र तट के निकट स्थित कलंगुट में 300 वर्गमीटर के बंगले के साथ एक 650 वर्ग मीटर के दो कॉटेज, एक बगीचे और अंजुना में एक स्विमिंग पूल के साथ एक घर की तुलना में लगभग 75 लाख रुपए अधिक खर्च करने पड़ते हैं, जिनकी लागत लगभग 3.25 करोड़ रुपए है।
जल्द लागू होने वाले नए नियम के मुताबिक बिल्डर्स को अब अपनी उन प्रॉपर्टी (पूरी तरह से तैयार फ्लैट, विला) का भी हिसाब-किताब देना होगा, जो बिकी नहीं है। इसके अलावा ऐसी प्रॉपर्टी पर टैक्स भी देना होगा। अभी अनसोल्ड प्रॉपर्टी पर बिल्डर्स को किसी तरह का कोई टैक्स नहीं देना होता है। वो इन्हें स्टॉक-इन-ट्रेड दिखाते हैं। इनके बिकने पर यह 'प्रॉपर्टी बेचने पर हुई इनकम या फिर बिजनेस इनकम' दिखाते हैं।
कानूनी हकदार नहीं होने की स्थिति में उस संपत्ति पर कोई कब्जा कर लेता है और फिर फर्जीवाड़े से अपना बना लेता है। ऐसे फर्जीवाड़ों को भी जांच एजेंसियां आसानी से पकड़ लेंगी और जमीन सरकार की हो जाएगी। एक व्यक्ति वसीयत, अनुबंध, पॉवर ऑफ अटार्नी, उपहार, हस्तांतरण या अदला-बदली में अपने स्वामित्व वाली जमीन दूसरे व्यक्ति के नाम करता है तो आधार से पता चल जाएगा।