खेलों में सट्टेबाजी को मान्यता संबंधी खबर तथ्य से परे: विधि आयोग

Edited By Yaspal,Updated: 07 Jul, 2018 08:33 PM

news about recognition of sports betting beyond fact law commission

विधि आयोग ने स्पष्ट किया है कि क्रिकेट सहित विभिन्न खेलों में सट्टेबाजी और जुए को कानूनी मान्यता दिये जाने की उसकी सिफारिशों से संबंधित मीडिया में आई खबरें तथ्य से परे है।


नई दिल्लीः विधि आयोग ने स्पष्ट किया है कि क्रिकेट सहित विभिन्न खेलों में सट्टेबाजी और जुए को कानूनी मान्यता दिये जाने की उसकी सिफारिशों से संबंधित मीडिया में आई खबरें तथ्य से परे है। आयोग की ओर से शुक्रवार को जारी स्पष्टीकरण में कहा गया है कि इस बाबत उसकी सिफारिशों की मीडिया रिपोर्टों में गलत व्याख्या की गई है।

विधि एवं न्याय मंत्रालय के संयुक्त सचिव एवं विधि अधिकारी ए. के. उपाध्याय की ओर से जारी स्पष्टीकरण में कहा गया है, ‘‘कानूनी प्रारूप: भारत में क्रिकेट सहित विभिन्न खेलों में जुए एवं सट्टेबाजी के संबंध में गत पांच जुलाई को आयोग की ओर से सरकार को सौंपी गई 276वीं रिपोर्ट के संबंध में खबरें प्रकाशित करते वक्त मीडिया ने उसकी (आयोग की) ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति पर ध्यान नहीं दिया।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि रिपोर्ट की पृष्ठ संख्या 115 पर अनुच्छेद 9.7 में विशेष तौर पर कहा गया है, मौजूदा परिदृश्य में भारत में जुए एवं सट्टेबाजी को वैध ठहराना वांछनीय नहीं है और गैर-कानूनी सट्टेबाजी एवं जुए पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाना चाहिए। आयोग ने आगे लिखा है,, पैरा 9.8 में भी कहा गया है कि यदि पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना संभव न हो तो प्रभावी नियमन ही इसका एकमात्र विकल्प बचता है। आयोग ने लिखा है कि मीडिया को उसकी रिपोर्ट की उक्त बातों का संज्ञान लेते हुए वास्तविक जानकारियों से आम आदमी को अवगत कराना चाहिए।

गौरतलब है कि मीडिया के एक हिस्से में प्रकाशित खबरों में कहा गया था कि विधि आयोग ने क्रिकेट सहित सभी खेलों में जुए और सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देने की सिफारिश की है। 

 

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