Edited By prachi upadhyay,Updated: 01 Aug, 2019 06:16 PM
आपने कई बार देखा होगा कि बच्चों को आकर्षित करने के लिए कई कंपनिया अपने फूड पैकेट्स में खिलौने डालकर बेचती है। लेकिन अब ऐसा करनेवाली कंपनियों पर लगाम लगने वाली है। पीएमओ के निर्देश पर भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य...
उत्तराखंड: आपने कई बार देखा होगा कि बच्चों को आकर्षित करने के लिए कई कंपनिया अपने फूड पैकेट्स में खिलौने डालकर बेचती है। लेकिन अब ऐसा करनेवाली कंपनियों पर लगाम लगने वाली है। पीएमओ के निर्देश पर भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य पदार्थों के पैकेटों में आने वाले खिलौनों को अनसेफ फूड माना है। ऐसा फूड बेचनेवाली कंपनियों या फिर व्यापारियों को छह महीने से लेकर आजीवन कैद और एक लाख से दस लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
एफएसएसएआई के अधिशासी निदेशक डॉ. शोभित जैन ने सभी राज्यों के खाद्य आयुक्तों को आदेश जारी करके कहा, ‘कि खाने-पीने की चीजों में रखे गए प्लास्टिक के खिलौनों और खाद्य पदार्थ का रंग एक समान होने के कारण कई बार बच्चे गलती से उसे भी निगल जाते है। जो उनकी सेहत के लिए जानलेवा साबित होता है। इसी को देखते हुए ये नया नियम लागू किया गया है।‘ इतना ही नहीं उन्होंने खाद्य आयुक्तों को ऐसा करने वाली कंपनियों, व्यापारियों के रोके जाने या नहीं मानने पर फूड सेफ्टी कानून के तहत कार्रवाई करने को भी कहा है।
इस नियम का पूरा श्रेय देहरादून के दूधली गांव के निवासी और आरटीआई कार्यकर्ता अजय कुमार को जाता है। अजय ने बच्चों के खाद्य पदार्थों में प्लास्टिक खिलौनों को बैन करने के लिए पीमओ को पत्र भेजा था। जिसे पर गौर करते हुए पीएमओ की तरफ से एफएसएसएआई को प्रकरण की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इसके बाद अजय खुद पीएमओ गए और इस पर नियम बनाने की मांग की। जिसके बाद पीएमओ के निर्देश पर 22 जुलाई को देशभर के सभी आयुक्तों को फूड पैकेट्स में प्लास्टिक खिलौने डालनेवाले खाद्य पदार्थों को अनसेफ फूड की कैटेगरी में मानकर कार्रवाई करने के आदेश दिए। अजय कुमार का कहना है कि इस कदम से बच्चे सुरक्षित रहेंगे।