ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारी किसानों से फोन पर बात की, अगले हफ्ते सड़कों पर उतरेगी तृणमूल कांग्रेस

Edited By Pardeep,Updated: 04 Dec, 2020 11:40 PM

next week trinamool congress will hit the streets

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केन्द्र के कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे विभिन्न किसान संगठनों से शुक्रवार को फोन पर बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) उनके

कोलकाता/नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केन्द्र के कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे विभिन्न किसान संगठनों से शुक्रवार को फोन पर बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) उनके समर्थन में अगले हफ्ते से बंगाल में प्रदर्शन करेगी। पार्टी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने सिंघू बॉर्डर पर आज दोपहर आंदोलनकारी किसानों से मुलाकात की। उन्होंने वहां लगभग चार घंटे बिताए और ममता की विभिन्न किसान समूहों से फोन पर बातचीत कराई। 

ब्रायन ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने किसानों से बात की, हरियाणा और पंजाब से अलग-अलग समूहों को चार टेलीफोन कॉल की। किसानों ने अपनी मांगों को साझा किया और वे चाहते थे कि कृषि विधेयक (कानून) निरस्त हों।'' उन्होंने कहा कि बनर्जी ने किसानों से कहा कि वह और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) इस आंदोलन में उनके साथ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘किसानों ने उनके साथ एकजुटता दिखाने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने पहले भी किसानों और भूमि आंदोलनों को लेकर उनके समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।'' बनर्जी ने कृषि भूमि अधिग्रहण के विरोध में सिंगूर और नंदीग्राम में प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। 

राज्यसभा सांसद ने किसानों को बताया कि वह (बनर्जी) और तृणमूल कांग्रेस ‘‘किसान विरोधी'' कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर इस आंदोलन में उनके साथ खड़ी रहेंगी। ब्रायन ने कहा कि यह बहुत भावुक बैठक थी। किसानों के संगठन कानूनों के बारे में जानते थे और वे चाहते थे कि इन कानूनों को निरस्त किया जाए। कोलकाता में शाम में पार्टी की बंद कमरे में हुई बैठक में बनर्जी ने किसानों और टीएमसी के कृषि शाखा से कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए अगले सोमवार से सड़कों पर उतरें। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की किसान शाखा से कहा कि मध्य कोलकाता में आठ दिसंबर से महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन आयोजित करें और वह बुधवार को वहां मौजूद लोगों को संबोधित करेंगी। 

इससे पहले बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘14 वर्ष पहले चार दिसंबर 2006 को मैंने कोलकाता में कृषि भूमि के जबरन अधिग्रहण के खिलाफ 26 दिनों की भूख हड़ताल की थी। मैं उन सभी किसानों के साथ हूं जो केंद्र के कठोर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।'' सिंगूर आंदोलन के समय राज्य में वाम मोर्चा सत्ता में था। भाजपा की मुखर विरोधी बनर्जी ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी कि अगर ‘‘किसान विरोधी'' कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है तो वह देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगी।

टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने आरोप लगाए कि नए कृषि कानून ‘‘असंवैधानिक'' हैं और कॉरपोरेट घरानों की सहायता करने के लिए इन्हें पारित किया गया है। गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के बॉर्डर पर प्रदर्शन करने के लिए किसान पिछले सप्ताह पहुंचे थे और उनके नेता इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए सरकार के साथ दो दौर की वार्ता कर चुके हैं। अगले दौर की वार्ता शनिवार को प्रस्तावित है। 
 

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