Edited By shukdev,Updated: 07 Jan, 2020 07:39 PM
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने मंगलवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में ठोस कूड़ा प्रबंधन, प्रदूषित नदियों के पुनर्जीवन और वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर मुख्य सचिवों से सूचनाएं हासिल करने का मंगलवार को...
नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने मंगलवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में ठोस कूड़ा प्रबंधन, प्रदूषित नदियों के पुनर्जीवन और वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर मुख्य सचिवों से सूचनाएं हासिल करने का मंगलवार को निर्देश दिया। एनजीटी अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि सीपीसीबी द्वारा सौंपी गई सूचना की प्रकृति एवं विस्तार पूरा नहीं है तथा सीवेज में आने वाले दूषित जल एवं उनके शोधन से जुड़ी सूचनाओं में बड़ा अंतराल है।
ठोस कूड़ा प्रबंधन के मुद्दे पर अधिकरण ने कहा कि घरों से निकलने वाले ठोस कूड़ा की मात्रा, उन्हें अलग-अलग किए जाने और उनके निपटारे तथा पुराने कूड़े की मात्रा के बारे में सूचना की जरूरत है। एनजीटी ने नदियों के 351 खंडों के पुनर्जीवन के बारे में कहा कि राज्यों को निर्देशों का अनुपालन करने की जरूरत है जिनमें आंतरिक एवं बाहरी उपचार भी शामिल हैं।
कृत्रिम नम भूमि और जैव विविधता पार्कों के जरिए नदियों पर भार कम किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि मुख्य सचिवों को 122 शहरों में वायु प्रदूषण को रोकने की कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन के विषय पर सूचनाओं के संकलन करने और निगरानी करने की जरूरत है।