Edited By Pardeep,Updated: 25 Nov, 2019 06:44 PM
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि आवासीय क्षेत्रों में चल रहे 4774 औद्योगिक इकाइयों को तुरंत बंद किया जाए। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व न्यायाधीश प्रतिभा रानी की अध्यक्षता वाली...
नई दिल्लीः राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि आवासीय क्षेत्रों में चल रहे 4774 औद्योगिक इकाइयों को तुरंत बंद किया जाए। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व न्यायाधीश प्रतिभा रानी की अध्यक्षता वाली पर्यवेक्षण समिति की रिपोर्ट पढ़ने के बाद यह आदेश पारित किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न नगर निगमों के आवासीय इलाकों में स्थित 4774 उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बहरहाल दिल्ली के मुख्य सचिव ने एनजीटी से कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के आलोक में कारण बताओ प्रक्रिया अनावश्यक है। एनजीटी ने कहा, ‘‘4774 इकाइयों को गलत तरीके से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, इसके बजाए उन्हें सीधा बंद कर देना चाहिए था।''
अधिकरण ने कहा, ‘‘अवैध रूप से फिर से शुरू इस तरह की सभी इकाइयों को उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक बंद किया जाना चाहिए, न कि उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना चाहिए।'' अधिकरण ने कहा, ऐसा नहीं किए जाने को गंभीरता से लिया जाएगा और संबंधित नगर निगम के आयुक्त के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जिसमें उनके एसीआर कॉलम में इंट्री और वेतन बंद करना भी शामिल होगा।
हरित अधिकरण ने यह भी कहा कि ऐसी सभी 29,877 इकाइयों में लंबित सर्वे का काम भी पूरा किया जाए, 31 दिसम्बर से पहले कार्रवाई की जाए और 15 जनवरी 2020 तक ई-मेल के माध्यम से स्थिति रिपोर्ट दायर की जाए। इससे पहले एनजीटी ने दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था ताकि करीब 52 हजार औद्योगिक इकाइयों से निपटा जा सके जो राष्ट्रीय राजधानी के आवासीय इलाकों में अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं।