Edited By Anil dev,Updated: 15 Mar, 2019 11:29 AM
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने बांडी नदी में स्थानीय कपड़ा उद्योगों द्वारा प्रदूषण रोकने के लिए उचित कार्रवाई नहीं करने पर राजस्थान सरकार पर 20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के आदेश में संशोधन से इंकार किया।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने बांडी नदी में स्थानीय कपड़ा उद्योगों द्वारा प्रदूषण रोकने के लिए उचित कार्रवाई नहीं करने पर राजस्थान सरकार पर 20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के आदेश में संशोधन से इंकार किया। न्यायमूर्ति रघुवेंद्र एस राठौड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उद्योगों द्वारा पर्यावरण को हुए नुकसान को देखते हुए 20 करोड़ रुपए की पर्यावरण क्षतिपूर्ति को अत्यधिक नहीं माना जा सकता।
समय-सीमा बढ़ाने से किया इंकार
पीठ ने कहा, हमारी सुविचारित राय है कि आवेदक इस वजह से पुनर्विचार याचिका में की गई प्रार्थनाओं में राहत पाने का हकदार नहीं है कि 31 जनवरी के आदेश में कोई खामी नजर नहीं आती। अधिकरण ने दूषित जल शोधन संयंत्रों में काम शुरू करने तथा नदी में अशुद्ध जल नहीं डालने के लिए समय-सीमा बढ़ाने से भी इंकार किया।
आदेश पर पुनर्विचार करने का किया गया था अनुरोध
राजस्थान सरकार द्वारा दायर याचिका में अधिकरण के 31 जनवरी के उस आदेश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया था जिसमें स्थानीय कपड़ा उद्योगों द्वारा बांडी नदी में किए जा रहे प्रदूषण को रोकने के लिए सही ढंग से काम नहीं करने पर उस पर 20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। उधर, अधिकरण ने दिल्ली के मुख्य सचिव को राष्ट्रीय राजधानी में ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2016 के क्रियान्वयन की प्रगति की निजी रूप से निगरानी का निर्देश दिया।