Edited By shukdev,Updated: 03 May, 2018 11:01 PM
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट पर दिल्ली, उत्तर भारत के चार राज्यों और बिहार से जवाब मांगा है। दरअसल, डब्ल्यूएचओ की ओर से पीएम 2.5 की मात्रा पर आधारित वैश्विक वायु प्रदूषण को लेकर जारी रिपोर्ट में...
नई दिल्लीः राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट पर दिल्ली, उत्तर भारत के चार राज्यों और बिहार से जवाब मांगा है। दरअसल, डब्ल्यूएचओ की ओर से पीएम 2.5 की मात्रा पर आधारित वैश्विक वायु प्रदूषण को लेकर जारी रिपोर्ट में सबसे प्रदूषित 15 शहरों में से 14 भारत में हैं। सबसे प्रदूषित शहर कानपुर है जहां पीएम 2.5 की मात्रा 173 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है। जबकि फरीदाबाद , वाराणसी और गया का नंबर उनके बाद आया है।
हरित अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जवाद रहीम की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील संजय उपाध्याय को डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट को रिकॉर्ड में पेश करने और इसपर दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और बिहार सरकारों से जवाब मांगने की अनुमति दी।
वकील उपाध्याय दिल्ली-एनसीआर में हवा की खराब होती गुणवत्ता को लेकर याचिका दायर करने वाले वर्धमान कौशिक की ओर से पेश हुए थे। अधिकरण ने राज्यों से अगली सुनवाई के दिन, 21 मई तक अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है।