Edited By Yaspal,Updated: 26 Jul, 2019 05:52 AM
एनआईए संशोधन विधेयक 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। नए संशोधित कानून के मुताबिक, “एनआईए भारत के साथ विदेश...
नेशनल डेस्कः एनआईए संशोधन विधेयक 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। नए संशोधित कानून के मुताबिक, “एनआईए भारत के साथ विदेश में भी किसी संबंधित अपराध के मामले की जांच कर सकेगी।”
क्या है नए संसोधित कानून में
- आतंक से जुड़े किसी भी मामले में उसकी सहभागिता या किसी तरह का कोई कमिटमेंट पाया जाता है।
- आतंकवाद की तैयारी
- आतंकवाद को बढ़ावा देना
- आतंकी गतिविधियों में किसी अन्य तरह की संलिप्तता
- इसके अलावा यह विधेयक सरकार को यह अधिकार भी देता है कि इसके आधार पर किसी को भी व्यक्तिगत तौर पर आतंकवादी घोषित कर सकती है।
एनआईए की ताकत में हुआ इजाफा
विधेयक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को भी असीमित अधिकार देता है। अब तक के नियम के मुताबिक एक जांच अधिकारी को आतंकवाद से जुड़े किसी भी मामले में संपत्ति सीज करने के लिए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से अनुमति लेनी होती थी, लेकिन अब यह विधेयक इस बात की अनुमति देता है कि अगर आतंकवाद से जुड़े किसी मामले की जांच एनआईए का कोई अफसर करता है तो उसे इसके लिए सिर्फ एनआईए के महानिदेशक से अनुमति लेनी होगी।
अब एनआईए के महानिदेशक को ऐसी संपत्तियों को कब्जे में लेने और उनकी कुर्की करने का अधिकार होगा, जिनका आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल किया गया। अब इसके लिए एनआईए को राज्य के पुलिस महानिदेशक से अनुमति लेने की जरुरत नहीं होगी।
इंस्पेक्टर भी कर सकेगा जांच
जांच के संबंध में भी एनआईए (NIA) के पास अब ताकत और बढ़ गई है। अब तक के नियम के अनुसार, ऐसे किसी भी मामले की जांच डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (डीएसपी) या असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (एसीपी) रैंक के अधिकारी ही कर सकते थे। लेकिन अब नए नियम के मुताबिक एनआईए के अफसरों को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं। अब ऐसे किसी भी मामले की जांच इंस्पेक्टर रैंक या उससे ऊपर के अफसर कर सकते हैं।