निर्भया मामला: दोषी की पुनर्विचार याचिका में SC ने ‘प्रदूषण’ के जिक्र को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

Edited By Yaspal,Updated: 18 Dec, 2019 08:58 PM

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उच्चतम न्यायालय ने निर्भया मामले में दोषियों में से एक की उन दलीलों को खारिज कर दिया, जिसने यह कहते हुए मौत की सजा सुनाने को व्यर्थ बताया था कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के कारण पहले से ही लोगों का जीवन छोटा हो...

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने निर्भया मामले में दोषियों में से एक की उन दलीलों को खारिज कर दिया, जिसने यह कहते हुए मौत की सजा सुनाने को व्यर्थ बताया था कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के कारण पहले से ही लोगों का जीवन छोटा हो रहा है।

अक्षय कुमार सिंह (33) की याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने पुनर्विचार याचिका में ‘कलयुग' में व्यक्ति के मृत शरीर से बेहतर नहीं होने और दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर की वजह से जीवन छोटा होने के कारण मौत की सजा सुनाने को व्यर्थ बताने जैसे आधार रखे जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।

पीठ में न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना भी शामिल थे। पीठ ने कहा, ‘‘हमें यह दुर्भाग्यपूर्ण लगता है कि इस तरह के गंभीर मामले में इस तरह के आधार उठाये गये है।''

दक्षिण दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात में चलती बस में छह व्यक्तियों ने 23 वर्षीय छात्रा से सामूहिक बलात्कार के बाद उसे बुरी तरह जख्मी करके सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गयी थी।

इस सनसनीखेज अपराध के सिलसिले में पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि एक अन्य आरोपी नाबालिग था। इस नाबालिग आरोपी पर किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष मुकदमा चला था और उसे तीन साल तक सुधार गृह में रखा गया था।

 

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