Edited By Seema Sharma,Updated: 21 Feb, 2020 08:31 AM
फांसी से बचने के लिए निर्भया के गुनहगार हर हथकंडा अपना रहे हैं। अब दोषी विनय शर्मा ने एक और दाव चला है। उसके वकील ए.पी. सिंह ने चुनाव आयोग में अर्जी दाखिल की है कि जब दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने 29 जनवरी को राष्ट्रपति के पास विनय की दया...
नई दिल्ली: फांसी से बचने के लिए निर्भया के गुनहगार हर हथकंडा अपना रहे हैं। अब दोषी विनय शर्मा ने एक और दाव चला है। उसके वकील ए.पी. सिंह ने चुनाव आयोग में अर्जी दाखिल की है कि जब दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने 29 जनवरी को राष्ट्रपति के पास विनय की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की थी तब वह न तो मंत्री थे और न ही विधायक। वकील ने कहा कि सत्येंद्र जैन ने 30 जनवरी को अपने साइन व्हाट्सएप के जरिए भेजे। अर्जी में कहा गया है कि ऐसे में दया याचिका खारिज करना गैर-कानूनी और असंवैधानिक है क्योंकि उस समय दिल्ली में चुनाव के लिए आदर्श चुनाव संहिता चल रही थी।
अर्जी में चुनाव आयोग से कानूनी संज्ञान लेने की मांग की गई है। एक अन्य मामले में, अदालत ने विनय शर्मा की याचिका पर वीरवार को तिहाड़ जेल के अधिकारियों से जवाब मांगा जिसमें उसने अपनी मानसिक बीमारी शिजोफ्रेनिया और सिर तथा हाथ की चोट के बेहतर उपचार का आग्रह किया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे शनिवार को दोषी की याचिका पर अपना जवाब प्रस्तुत करें। जेल अधिकारियों के अनुसार विनय ने जेल की अपनी कोठरी में दीवार पर सिर मारकर खुद को घायल कर लिया। यह घटना जेल नंबर 3 में रविवार को दोपहर बाद हुई। इसमें उसे मामूली चोट आई और जेल के भीतर उसका इलाज किया गया।