Edited By Seema Sharma,Updated: 07 Jan, 2020 05:58 PM
निर्भया को आखिर सात साल बाद इंसाफ मिल ही गया। निर्भया के चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी हो गया है। उन्हें 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी होगी। जज ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए दोषियों से बात की। वहीं इससे पहले सुनवाई करते हुए जज ने कहा कि हम...
नई दिल्ली: सोलह दिसंबर 2012 की रात निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार और बाद में उसकी मौत से देश को हिला देने वाले इस वीभत्स कांड के चारों दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने के लिए मंगलवार को पटियाला हाउस अदालत डेथ वारंट जारी कर दिया। चारों दोषियों पवन, विनय, मुकेश और अक्षय को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फंदे पर लटकाया जाएगा। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने सात साल पुराने इस मामले में फैसला सुनाते हुए दोषियों को अपनी कानूनी औपचारिकताएं पूरा करने के लिए 14 दिन का समय दिया है।फैसला सुनाये जाने के समय अदालत कक्ष में न्यायाधीश अरोड़ा, जेल के अधिकारी और दोनों पक्षों के वकील मौजूद थे। चारों को तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी। राजधानी में 16 दिसंबर 2012 की रात को निर्भया के साथ एक चलती बस में सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसे बुरी तरह से घायल कर दिया गया था। बाद में उसकी उपचार के दौरान सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी।
डेथ वारंट जारी करने से पहले चारों दोषियों की न्यायाधीश अरोड़ा के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए पेशी की गई। साकेत कोर्ट ने 13 सिंतबर 2013 को इन चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। इस मामले में कुल छह लोग गिरफ्तार किए गए थे जिसमें से एक राम सिंह ने जेल में ही खुदकुशी कर ली थी जबकि एक अन्य नाबालिग था जो तीन साल सजा काटने के बाद सुधार गृह से छूट गया था। निर्भया के अधिवक्ता ए पी सिंह ने कहा है कि वह उच्चतम न्यायालय क्यूरेटिव याचिका दायर करेंगे। अदालत परिसर में मौजूद निर्भया की मां ने डेथ वारंट जारी किए जाने के बाद कहा,‘‘ मेरी बेटी को न्याय मिला। चारों दोषियों को फांसी पर लटकाये जाने से देश में महिलाएं सशक्त होंगी। फैसले से देश की न्यायिक व्यवस्था में लोगों का विश्वास और मजबूत होगा।'' निर्भया के पिता कहा,‘‘ मैं अदालत के फैसले से बहुत खुश हूं। मेरी बेटी के दोषी 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी पर लटकाये जायेंगे। इस फैसले से उन लोगों के मन में भय पैदा होगा जो ऐसे घिनौने अपराध करते हैं।''
बता दें कि इससे पहले सोमवार को निर्भया के चार दोषियों में से एक दोषी के पिता की शिकायत को अदालत ने खारिज कर दिया था। मामले के एकमात्र चश्मदीद के खिलाफ कथित रूप से पैसे लेकर कई समाचार चैनलों को इंटरव्यू देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। बता दें कि साल 2012 में दोषियों ने इंसानियत की सारी हदें पार करते हुए निर्भया से गैंगरेप किया और फिर उसे उसी हालत में सड़क पर फेंक दिया। गैंगरेप के बाद जिंदगी और मौत की जंग के बीच जूझ रही पीड़िता ज्यादा दिन तक इस असहनीय दर्द को नहीं सह पाई और हमेशा के लिए दुनिया से विदा हो गई। इस घटना के बाद पूरे देश में प्रदर्शन हुए और महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर आंदोलन भी शुरू हुआ था। मामले के चार दोषी विनय शर्मा, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय कुमार सिंह को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई गई। एक अन्य दोषी राम सिंह ने 2015 में तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी और नाबालिग दोषी को सुधार गृह में तीन साल की सजा काटने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था।
घटना का एकमात्र चश्मदीद निर्भया का दोस्त उस जघन्य अपराध वाले दिन उसके साथ बस में था और इस दौरान वह भी जख्मी हो गया था। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार सिरोही ने शिकायत को खारिज कर दिया। उन्हें याचिका में प्राथमिकी दर्ज के लिए पुलिस को निर्देश देने की मांग में कोई पुख्ता आधार नजर नहीं आया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि गवाह की गतिविधियों ने मामले को प्रभावित किया और नतीजतन इस मामले में मीडिया ट्रायल शुरू हो गया। पवन कुमार गुप्ता के पिता हीरा लाल गुप्ता की शिकायत में कुछ हालिया खबरों का जिक्र किया गया जिनमें आरोप लगाया गया कि चश्मदीद ने कई समाचार चैनलों पर इंटरव्यू के लिए पैसे लिए।