Edited By Seema Sharma,Updated: 12 Jul, 2018 11:02 AM
कांग्रेस बिहार के घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रख रही है और खुद को सुरक्षित बनाए हुए है। एक तरफ भाजपा और नीतीश अपना राजनीतिक खेल खेलने में व्यस्त हैं और लालू के पुत्र नीतीश कुमार पर लगातार हमले बोल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस शांत बनी हुई है।
नेशनल डेस्कः कांग्रेस बिहार के घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रख रही है और खुद को सुरक्षित बनाए हुए है। एक तरफ भाजपा और नीतीश अपना राजनीतिक खेल खेलने में व्यस्त हैं और लालू के पुत्र नीतीश कुमार पर लगातार हमले बोल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस शांत बनी हुई है। वरिष्ठ कांगे्रसी नेता अशोक गहलोत ने कहा है कि ‘कांग्रेस और राजद दोनों जद (यू) के स्वाभाविक सहयोगी हैं।’ उन्होंने यहां तक कह दिया कि नीतीश कुमार का 2017 में महागठबंधन को छोडऩे का फैसला एक बहुत बड़ी गलती थी। उन्होंने इससे आगे कुछ भी कहने से इंकार कर दिया मगर इस संबंध में नरम संकेत दिया कि कांग्रेस फिर से नीतीश कुमार के साथ काम करने के खिलाफ नहीं।
कांग्रेस जानती है कि बिहार में लोकसभा की 40 सीटें दाव पर हैं और वह 2019 में 2015 के विधानसभा चुनाव का प्रदर्शन दोहराने की इच्छुक है। पार्टी को विश्वास है कि वह राजद को अपने साथ मिलाने में सफल होगी। गहलोत ने कहा कि नीतीश कुमार ने गठबंधन को छोड़ा है, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था, यह उनकी बड़ी गलती थी।
उन्होंने कहा कि 2013 में जब मोदी को भाजपा का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया तो नीतीश ने मुख्यमंत्री की कुर्सी को छोड़ दिया और महागठबंधन बना दिया। वह व्यक्ति महागठबंधन कैसे छोड़ सकते हैं। गहलोत ने कहा कि यह उनकी समझ से परे है। स्पष्ट है कि हर पार्टी बिहार में सत्ता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।