Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jun, 2018 04:45 PM
जम्मूकश्मीर में सरकार गिरने के बाद राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में माहौल काफी बिगड़ा है।
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में सरकार गिरने के बाद राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में माहौल काफी बिगड़ा है। राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रही हैं। वहीं जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद राज्यपाल एन.एन वोहरा ने साफ कहा कि गवर्नर रूल का मतलब दबंग नीति नहीं है। वोहरा ने आगे कहा कि इसके विपरीत इसका मतलब बेहतर शासन और विकास पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित करना है। राज्यपाल ने कहा कि, जैसे कि बात हो रही है मैं हार्ड लाइन अप्रोच से अवगत नहीं हूं। ऊपर से लेकर नीचे तक सारे प्रशासनिक उपकरण जनता की सेवा में तेजी और जवाबदेही के साथ काम करेंगे ताकि लोगों का विश्वास दोबारा हासिल किया जा सके।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में महबूबा सरकार से अलग होने के बीजेपी के फैसले के एक दिन बाद 20 जून को वहां पर राज्यपाल शासन लगाया गया है। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के तौर पर जल्द ही 10 वर्ष पूरा करने जा रहे वोहरा राज्य में कम से कम चार बार वहां की शासन व्यवस्था चला चुके हैं। संकट की घड़ी में बेहतर प्रबंधक के तौर पर उन्हें देखा जाता है जिन्होंने अमरनाथ श्राइन बोर्ड जमीन को लेकर विवाद के चलते गुलाम नबी आजाद की सरकार से पीडीपी की समर्थन वापसी और राज्य में मचे भारी बवाल को बखूबी संभाला था। हालांकि, उसके बाद तीन महीने के अंदर ही चुनाव करा लिए गए थे।
राज्य में चल रही है सियासी उठापटक
यहां आपको यह भी बता दें कि घाटी में सियासी उठापटक लगातार जारी है। कयास लगाया जा रहा है कि भाजपा एक बार फिर जहां सरकार बनाने की कोशिश कर रही है, वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी कुछ नये संकते दिए हैं। अब देखना यह है कि घाटी की राजनीति क्या रंग लाती है।