उपमुख्यमंत्री के पैतृक गांव की हालत, पीएचसी में नहीं कोई डाक्टर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Oct, 2017 01:24 PM

no doctor in phc karanvara the village of dy cm

विकास का अन्दाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि जिस क्षेत्र से चुनाव लडक़र डा निर्मल सिंह उप मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं, उसकी हालत ही दयानीय है। बसहोली-महानपुर सडक़ के किनारे बसा है गांव कर्णवाड़ा। हालत यह है कि पीएचसी में कोई भी डाक्टर नहीं है।

जम्मू: विकास का अन्दाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि जिस क्षेत्र से चुनाव लडक़र डा निर्मल सिंह उप मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं, उसकी हालत ही दयानीय है। बसहोली-महानपुर सडक़ के किनारे बसा है गांव कर्णवाड़ा। हालत यह है कि पीएचसी में कोई भी डाक्टर नहीं है। ऐसा नहीं है कि यहां के डाक्टरों की नियुक्ति नहीं हुई है। बल्कि दो-दो एमबीएस डाक्टरों के पद हैं पर वर्षों से खाली पड़े हुए हैं। लोगों को स्वास्थ्य विभाग और स्वयं इस क्षेत्र के उप मुख्यमंत्री की अनदेखी का शिकार होना पड़ रहा है। लोग स्वास्थ्य विभाग से वर्षों से मांग कर रहे हैं कि पीएचसी में डाक्टर की नियुक्ति की जाए पर उनकी मांग को कोई ध्यान नहीं दे रहा है।


बताया गया है कि कई बार पीएचसी में डाक्टर की नियुक्ति की गई पर उन्हें अटैच कर दिया जाता है। तीन वर्ष पहले भी एक महिला रोग विशेषज्ञ को नियुक्त किया गया पर उसे बसहोली में अटैच कर दिया गया। मौजूदा समय में अस्पताल में सिर्फ एक बीएमएस डाक्अर की है और कुछ पैरा मैडिकल स्टाफ काम कर रहा है। मिली जानकारी के अनुसार एक्स रे मशीन है पर टेक्नीशियन नहीं है। लोगों में सरकार की अनदेखी के खिलाफ काफी रोष है। बसहोली-महानपुर सडक़ के किनारे एकमात्र यही पीएचसी है और लोगों को यहां पर कोई सुविधा नहीं मिल रही है। उन्हें रैफर कर दिया जाता है। कर्णवाड़ा गांव मुख्यमंत्री निर्मल सिंह का पैतृक गांव है। इस गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं को देखकर अन्दाजा लगाया जा सकता है कि बाकी का विकास कैसा है।

 

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