घाटी में वार्ताकार का पहला दिन, वार्ता की नहीं दिखी उम्मीद

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Nov, 2017 08:32 PM

no hope of talk in kashmir with interlocutor

प्रमुख अलगाववादियों और कश्मीर के पर्यटन उद्योग से प्रतिनिधियों द्वारा वार्ता के लिए इंकार किए जाने से नवनियुक्त वार्ताकार दिनेशवर शर्मा का घाटी में पहला दिन ‘नो-शो’ दिखाई दिया। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हरि निवास गेस्ट हाउस में...

श्रीनगर : प्रमुख अलगाववादियों और कश्मीर के पर्यटन उद्योग से प्रतिनिधियों द्वारा वार्ता के लिए इंकार किए जाने से नवनियुक्त वार्ताकार दिनेशवर शर्मा का घाटी में पहला दिन ‘नो-शो’ दिखाई दिया। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हरि निवास गेस्ट हाउस में आयोजित 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने शर्मा के साथ मुलाकात की। शर्मा आज दोपहर को श्रीनगर पहुंचे। वह अगले दो दिनों तक घाटी में रहेंगे। पूर्व आई.बी. प्रमुख जिन्होने पहले कहा था कि वह घाटी में किसी से भी वार्ता के लिए तैयार हैं पर उनकी तरफ से सोमवार की बैठकों के बारे में विवरण देने से इंकार कर दिया गया। उनका कहना था कि विचार-विमर्श जारी है और वह राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जम्मू का दौरा करेंगे।


केन्द्र और राज्य द्वारा घाटी में शांति को बनाए रखने के लिए ट्रैवल और पर्यटन उद्योग को प्रमुख हितधारक माना जाता है लेकिन उन्होने शर्मा से किसी भी तरह के वार्ता से इंकार कर दिया। कश्मीर होटल और रेस्तरां एसोसिशएन के एक पदाधिकारी ने कहा कि हमने शर्मा के साथ वार्ता में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है। उनके साथ वार्ता का कोई मतलब नहीं है लेकिन यदि कश्मीर मुद्दे को हल नहीं किया जाता है तो प्रदेश की पर्यटन और अर्थव्यवस्था को भुगतना पड़ेगा।


हुरिर्यत ने भी किया वार्ता से इंकार
संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जे.आर.एल.) जिसमें हुरियत कांफ्रैंस (जी) चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी, हुरियत कांफ्रैंस (एम) चेयरमैन मीरवायज उमर फारुक और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जे.के.एल.एफ.) चेयरमैन यासीन मलिक शामिल हैं, ने गत 31 अक्तूबर को ही सरकार के साथ वार्ता का बहिष्कार करने के बारे में उनके फैसले को दोहराया था। एक अलगाववादी नेता ने कहा कि हम हमारे सामूहिक फैसले पर खड़े हैं।

तनाव का उद्योग जगत को हुआ नुकसान
घाटी में पिछले कई सालों से उथल-पुथल के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित आतिथ्य उद्योग हुआ हैं। वर्ष 2010 में होटल और ट्रैवल एसोसिएशन ने यू.पी.ए. सरकार द्वारा भेजे गए वार्ताकारों को कथित तौर पर संयुक्त तौर पर ज्ञापन सौंपा था लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं मिला।
ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन के एक अधिकारी ने कहा कि राजनीतिक मुद्दों पर बोलने का हमे कोई जनादेश नहीं है। हमें पता है कि वार्ताकार के साथ बात करने का कोई परिणाम नहीं निकलेगा। हमने अतीत में इसे देखा कि पिछले वार्ताकारों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का कोई नतीजा नहीं निकला। एक अन्य व्यापार संगठन कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने भी शर्मा के साथ किसी भी तरह की बातचीत को खारिज कर दिया।

राज्य सरकार वार्ता के लिए कर रही कोशिश
सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार वार्ता के लिए लोगों के विभिन्न वर्गो को मनाने की कोशिश कर रही हैं। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जो जम्मू में हैं ने ट्वीट किया कि जम्मू कश्मीर में वार्ता के माध्यम से संकल्प की उम्मीद पुन:उत्पन्न हुई है। मुझे आशा है कि जम्मू कश्मीर में पार्टियां और संगठन शांति समझौतों का हिस्सा बनने का मौका नहीं छोड़ देंगे।
इस बीच विपक्षी नैशनल कांफ्रैंस (नैकां) ने कहा कि उन्हें अभी तक शर्मा से कोई सूचना नहीं मिली है। एक नेता ने कहा कि जब निमंत्रण मिलेगा, हम चर्चा करके फैसला करेंगे। सी.पी.आई.(एम) नेता मोहम्मद यूसुफ तारीगामी, खान साहिब विधायक हकीम यासीन और पूर्व कृषि मंत्री गुलाम हसन मीर ने वार्ता में रुचि दिखाई है। वह शर्मा के साथ बुधवार को संयुक्त तौर पर मिलेंगे।

 

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