Edited By Pardeep,Updated: 04 Oct, 2019 08:48 PM
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के स्वदेश में विकास का पुरजोर समर्थन करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारतीय वायुसेना इनकी लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी आधुनिकीकरण योजना पर काम...
नई दिल्लीः वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के स्वदेश में विकास का पुरजोर समर्थन करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारतीय वायुसेना इनकी लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी आधुनिकीकरण योजना पर काम कर रही है।
भदौरिया ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अधिक तेजस एवं सुखोई विमानों को शामिल करना, स्वदेशी 'अस्त्र' को विभिन्न प्रक्षेपास्त्रों एवं यानों से एकीकृत करने और जगुआर विमान बेड़े को उन्नत करना इस योजना में शामिल है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा निर्मित किए जाने वाले 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) के मूल्य निर्धारण के मुद्दे को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है और अनुबंध पर जल्द ही हस्ताक्षर होने की संभावना है।
पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (एफजीएफए) पर उन्होंने कहा कि वायुसेना एचएएल के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) परियोजना का पूरी तरह से समर्थन करती है और इस तरह के किसी भी विमान को आयात करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा, "पांचवीं पीढ़ी के विमान के आयात की कोई योजना नहीं है। एएमसीए परियोजना को आगे बढ़ाया जा रहा है। हम इसे पूरा समर्थन देते हैं। यह कार्यक्रम शुरु हो चुका है।"