अमेरिकी धमकी का असर नहीं, भारत के साथ जल्द होंगी और डील- रूस

Edited By Yaspal,Updated: 11 Oct, 2018 09:46 PM

no threat to us threat will happen soon with india and deals russia

भारत में रूसी राजदूत निकोलई कुदाशेव ने गुरूवार को कहा कि भारत-रूस रक्षा सौदों में अमेरिकी प्रतिबंध बाधक नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और रूस तेज गति वाले छोटे युद्धपोत और कलाश्निकोव राइफ़ल पर जल्द ही समझौतों पर...

नई दिल्लीः भारत में रूसी राजदूत निकोलई कुदाशेव ने गुरूवार को कहा कि भारत-रूस रक्षा सौदों में अमेरिकी प्रतिबंध बाधक नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और रूस तेज गति वाले छोटे युद्धपोत और कलाश्निकोव राइफ़ल पर जल्द ही समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। उन्होंने हाल में हुए एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली समझौते को भारत-रूस समझौतों के इतिहास में ‘‘सबसे बड़ा समझौता’’ बताया। उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के बीच हुए ‘‘सबसे तेका’’ समझौतों में से एक था और वहां कोई लंबी बातचीत नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि चार से पांच अक्टूबर तक हुई राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गये थे और इस समझौते का कार्यान्वयन 2020 में शुरू होगा।

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राजदूत ने कहा,‘‘ आने वाले महीनों में, आप और समझौतों की उम्मीद कर सकते है। बातचीत चल रही है, यह सामान्य प्रक्रिया है। हमें उम्मीद है कि दो से तीन महीनों के भीतर हम तेज गति वाले छोटे युद्धपोतों पर समझौता कर सकते हैं और हम जल्द ही कलाश्निकोव राइफ़ल पर समझौता कर सकते हैं।’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या यह कहना ठीक होगा कि प्रतिबंध कानून के जरिये अमेरिकी विरोधियों से निपटने संबंधित कानून (सीएएटीएसए) से भविष्य में होने वाले रक्षा समझौतों के लिए भारत और रूस पर कोई दबाव नहीं पड़ेगा, कुदाशेव ने दृढ़ता के साथ कहा, ‘‘हां’’। 

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रूसी राजदूत का यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि एक दिन पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि भारत को जल्द ही इस बात का पता लगाना पड़ेगा कि रूस के साथ हुए पांच अरब डालर के सौदे पर दंडात्मक सीएएटीएसए लागू होता है कि नहीं। सीएएटीएसए एक अमेरिकी संघीय कानून है जिसके तहत ईरान, उत्तर कोरिया और रूस पर प्रतिबंध लगाये गये है।

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राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा के दौरान एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली समझौते को खास तवज्जो नहीं दिये जाने के बारे में पूछे जाने पर कुदाशेव ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध बहुत घनिष्ठ है और इसका सैन्य एवं तकनीकी भाग महत्वपूर्ण है। रूसी राजदूत ने सीएएटीएसए की निंदा करते हुए कहा कि यह राजनीतिक दबाव और अनुचित प्रतिस्पर्धा का एक यंत्र है। सीएएटीएसए प्रतिबंधों के तहत केवल राष्ट्रपति ट्रम्प को यह अधिकार है कि वह रूस के साथ हथियार सौदों के मामले में भारत को छूट दे सकते हैं।

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