नोएडा गैंगरेप: सही तरीके से जांच नहीं होने के कारण नौ आरोपी बरी

Edited By ,Updated: 24 Feb, 2017 07:35 PM

noida gangrape  nine accused in the absence of proper investigation

नोएडा के एक पुलिस अधिकारी ने 24 वर्षीय एमबीए छात्रा से सामूहिक बलात्कार के मामले की जांच का गला घोंटने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी ...

नई दिल्ली : नोएडा के एक पुलिस अधिकारी ने 24 वर्षीय एमबीए छात्रा से सामूहिक बलात्कार के मामले की जांच का गला घोंटने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जिसकी वजह से दिल्ली की एक अदालत ने नौ आरोपियों को इस आधार पर बरी कर दिया कि असली गुनाहगारों की पहचान साबित नहीं हो सकी। अदालत ने मामले की जांच में कानून की प्रक्रिया का उचित पालन नहीं करने को लेकर पुलिस की खिंचाई की और कहा कि जांच अधिकारी ने आरोपियों की शिनाख्त परेड नहीं की।

पुलिस अधिकारियों ने मामले को असंभव बनाने में नहीं छोड़ी कोई कसर
अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी ने इस मामले को साबित करना असंभव बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी तथा नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को जांच अधिकारी, निरीक्षक अनिल सामानिया के खिलाफ मामले की उसकी अनपुयक्त जांच के लिए उपयुक्त कार्रवार्ई करने का निर्देश दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शैल जैन ने कहा, ‘‘ये कारक स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि जांच अधिकारी की लापरवाहीपूर्ण, बेढंगी और गैरपेशेवर जांच के कारण इस मामले के असली गुनाहगारों की पहचान एवं गिरफ्तारी नहीं हो सकी तथा उन्हें न्याय प्रशासन का सामना नहीं करना पड़ा। ’’

उन्होंने कहा कि यह जांच अधिकारी द्वारा जांच का गला घोंटने का एक क्लासिक मामला है। हालांकि न्यायाधीश ने विशेष सरकारी वकील नीलम नारंग की इस बात के लिए खूब प्रशंसा की कि उन्होंने इस लंबे चौड़े मामले को संक्षिप्त में समझने में बहुमूल्य, उल्लेखनीय और उपयोगी मदद की।

ग्यारह व्यक्तियों ने किया गैंगरेप
अभियोजन के अनुसार पांच जनवरी, 2009 को लड़की अपने पुरुष मित्र के साथ अपनी कार से ग्रेट इंडिया मॉल से लौट रही थी, उसी दौरान क्रिक्रेट मैच से लौट रहे कई युवकों ने जबर्दस्ती उनकी कार रोकी। क्रिक्रेट बैटों से डरा-धमकाकर ये युवक उन्हें गढी चौखंडी गांव के समीप एक सुनसान जगह ले गए। वहां उनके कुछ और साथी थे।

लड़की से ग्यारह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार किया और उसका मोबाइल फोन, कलाई घड़ी, एटीएम कार्ड जैसे बहुमूल्य चीजें लूट ली। लड़की का दोस्त अपनी जान पर खतरे के डर से उच्चतम न्यायालय पहुंचा तब इस मामले को नोएडा की अदालत से तीसहजारी अदालत स्थानांतरित कर दिया गया। लड़की आरोपियों की धमकी के कारण लंदन चली गई। 

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