Edited By Murari Sharan,Updated: 27 May, 2020 09:07 AM
दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में मरकज केस पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने अब तक किसी भी तबलीगी जमात के सदस्य को गिरफ्तार नहीं किया है...
नई दिल्ली/डेस्क। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज (Nizamuddin Markaz) में हुए धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने वाले तबलीगी जमात के सदस्यों की रिहाई की मांग करने वाली याचिका पर हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने सुनवाई की। ये सुनवाई जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रजनीश भटनागर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की। इसमें दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने अपना पक्ष रखते हुए किसी भी जमाती की गिरफ्तारी न होने की बात कही।
दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया कि तबलीगी जमात के खिलाफ दर्ज मामलों में अब तक न तो किसी की गिरफ्तार ही हुई है और न ही किसी को हिरासत में लिया गया है। जमातियों की रिहाई की याचिका पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और केजरीवाल सरकार से जवाब मांगा था।
'नहीं थे कोरोना संक्रमित फिर भी क्वारंटीन में कैद किया'
याचिका में कहा गया था कि विदेशी जमातियों को कोरोना संक्रमित नहीं पाए जाने के बाद भी उन्हें 30 मार्च से क्वारंटाइन केंद्रों में जबरन रखा गया है। 916 विदेशी जमातियों में से 20 ने ये याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि इस प्रकार से किसी को कैद करना आजादी के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच को बताया गया कि निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम में शामिल होने वाले 900 से ज्यादा विदेशी जमातियों को मरकज मामले की जांच में शामिल किया गया और उन्हें सीआरपीसी के तहत नोटिस भी भेजा गया है।
83 विदेशी जमातियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा और चैतन्य गोसाईं ने कोर्ट में कहा कि मामले की जांच हर दिन हो रही है। पुलिस एक सप्ताह के भीतर निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल करेगी। वहीं पुलिस ने मंगलवार को साकेत कोर्ट (Saket Court) में 20 देशों के 83 जमातियों के खिलाफ चार्जशीट (charge sheet) दाखिल कर दी है। अलग-अलग धाराओं के तहत विदेशी जमातियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। मामले की सुनवाई 12 जून को होगी।