जजस्टिस कर्णन ही नहीं, विवाद शुरू करने वाले न्यायाधीशों की लंबी है फेहरिस्त

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jun, 2017 10:14 AM

not only justice karnan  many  judges who have started the controversy

न्यायमूर्ति सी.एस. कर्णन को उनकी मानहानिपूर्ण टिप्पणियों के लिए भले ही उच्चतम न्यायालय के गुस्से का सामना करना पड़़ा हो लेकिन विवादित न्यायाधीशों की फेहरिस्त में वह अकेले नहीं हैं

नई दिल्ली: न्यायमूर्ति सी.एस. कर्णन को उनकी मानहानिपूर्ण टिप्पणियों के लिए भले ही उच्चतम न्यायालय के गुस्से का सामना करना पड़़ा हो लेकिन विवादित न्यायाधीशों की फेहरिस्त में वह अकेले नहीं हैं और हाल के वर्षों में कई न्यायाधीशों ने अपनी टिप्पणियों से विवादों को जन्म दिया है। हाल में राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश महेश चंद्र शर्मा ने अपनी सेवा के अंतिम दिन एक फैसले में अपनी टिप्पणी से विवाद को जन्म देते हुए कहा था कि ‘गाय’ को राष्ट्रीय पशु घोषित करें।

वहीं उन्होंने ‘मोर के आजीवन ब्रह्मचारी’ होने की भी बात कही थी। 2010 में जब उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों ने अपनी संपत्तियों को सार्वजनिक करने का प्रतिरोध किया तब कर्नाटक उच्च न्यायालय के निवर्तमान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वी. शैलेंद्र कुमार ने तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश के.जी. बालकृष्णन को ‘बिना जहरीले दांतों वाला सांप’ बताया था। उच्चतम न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने कहा था, ‘‘भ्रष्टों को लैंप पोस्ट से लटका दें और ‘दाढ़ी रखने वाले मुस्लिम छात्रों से देश का तालिबानीकरण होगा।’’ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस.एन. श्रीवास्तव ने कहा था, ‘‘भगवद् गीता को राष्ट्रीय शास्त्र घोषित करें क्योंकि यह ‘राष्ट्रीय धर्मशास्त्र’ है।’’

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!