आयकर विभाग की सक्रियता बढ़ी, अढ़ाई लाख से ज्यादा जमा करने वालों के खाते हो सकते हैं सील

Edited By ,Updated: 21 Nov, 2016 11:09 AM

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पांच सौ और एक हजार रुपए के पुराने नोट बंद होने के बाद पैदा हुई परिस्थितियों में जहां आम आदमी बैंकों और ए.टी.एम. की लंबी लाइनों से परेशान है, वहीं 500 और एक हजार रुपए के पुराने नोटों का ढेर लेकर बैठे लोग इसे महज कागज की रद्दी बनते देख मायूस हैं।

चंडीगढ़(ब्यूरो) : पांच सौ और एक हजार रुपए के पुराने नोट बंद होने के बाद पैदा हुई परिस्थितियों में जहां आम आदमी बैंकों और ए.टी.एम. की लंबी लाइनों से परेशान है, वहीं 500 और एक हजार रुपए के पुराने नोटों का ढेर लेकर बैठे लोग इसे महज कागज की रद्दी बनते देख मायूस हैं। केंद्र सरकार ने बैंक और ए.टी.एम. से कैश निकालने की सीमा तय कर रखी है तो खाते में पुराने नोट जमा करने की भी लिमिट तय है। इस बीच, आयकर विभाग ने भी काला धन रखने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। तमाम बैंक खातों की मॉनीटरिंग शुरू कर दी गई है। कर योग्य आय के बावजूद 30 सितम्बर 2016 तक वास्तविक आय की घोषणा न करने वालों के बैंक खातों पर खास नजर रखी जा रही है। 30 दिसम्बर के बाद ऐसे खातों को सील किया जा सकता है, जिनमें ढाई लाख रुपए से ज्यादा की रकम 8 नवम्बर के बाद जमा की गई है।

 

आयकर विभाग ने शिकंजे का तरीका बदला :
आयकर विभाग ने पिछले दिनों अपनी वास्तविक आय छिपाने वालों की पहचान करने के लिए कई तरीके अपनाए थे। इसमें बैंकों और डाकघरों में पैसे जमा करने वालों की डिटेल हासिल की गई है। हर ट्रांजैक्शन का ब्यौरा एकत्रित किया गया। एयरलाइंस कंपनियों से लोगों के विदेश दौरों की डिटेल हासिल की गई। नए वाहन खरीदने वालों का ब्यौरा लिया गया। भारी-भरकम टैलीफोन बिल और बिजली बिल चुकाने वालों का भी ब्यौरा जुटाया गया। जो लोग अपनी लाइफ स्टाइल पर बेतहाशा खर्च कर रहे हैं, वे खास तौर पर आयकर विभाग के निशाने पर रहे। 

 

कई ऐसे लोगों के नाम भी सामने आए, जिनमें किसी ने गाड़ी, ज्वैलरी जैसी महंगी खरीद की तो इन्कम टैक्स रिटर्न में नहीं दिखाई। किसी ने प्रॉपर्टी खरीदी तो उसमें प्रॉपर्टी के वास्तविक मूल्य को छिपाया। ऐसे भी कई लोग थे, जो बैंक में जमा पैसे पर मोटा ब्याज ले रहे थे लेकिन इन्कम टैक्स रिटर्न में इसे नहीं दिखाया। कई लोगों ने तो इन्कम टैक्स रिटर्न ही नहीं भरा, जबकि विभिन्न स्रोतों से हासिल किए गए उनकी इन्कम और खर्चे से जुड़े दस्तावेज बताते हैं कि वह पूरी तरह आयकर भुगतान के योग्य हैं। अब आयकर विभाग इन सभी लोगों के खाते में जमा हो रही रकम पर नजर लगाए बैठा है। साथ ही बैंक खाते से रकम की निकासी पर भी नजर है कि कौन कितनी बार बैंक और ए.टी.एम. से रकम की निकासी कर रहा है। यदि किसी परिवार के सभी सदस्यों के खातों में एक साथ रकम जमा हो रही है और निकाली जा रही है तो भी उन पर नजर है। पूर्व में उनके बैंक ट्रांजैक्शनों को भी खंगाला जा रहा है।

 

शादियों के बाद कइयों का घेरा :
शादी के सीजन के बाद कैटरिंग, टैंट, फूल, फोटोग्राफी, बैंड आदि के कारोबारियों पर भी आयकर विभाग शिकंजा कसेगा। कारोबारियों की यह श्रेणी ऐसी है, जो अब तक कैश पेमैंट ही स्वीकार करती रही है। कई कारोबारी तो ली गई रकम की पक्की रसीद भी नहीं देते हैं। आयकर अधिकारियों का कहना है कि शादी के सीजन के बाद इनके भी खाते खंगाले जाएंगे। इन्होंने कितनी शादियों का काम लिया और कितना पेमैंट लिया। साथ ही किस तरीके से पेमैंट लिया गया। चैक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, ड्राफ्ट आदि से पेमैंट लेने वालों से ज्यादा नजर उन पर है, जिन्होंने कैश पेमैंट लिया है। इससे पेमैंट लेने और देने वाला दोनों फंस सकते हैं।

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