ऑफ द रिकॉर्डः नीरव मोदी के शोरुम से जेवर खरीदनों वालों को आयकर विभाग का नोटिस

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Apr, 2018 12:05 PM

notice of it to those who buy jewelery from nirav modi showroom

आयकर विभाग के जांच विंग ने समाज के उन 50 ताकतवर लोगों को नोटिस भेजा है जिन्होंने नीरव मोदी के शोरूमों से जेवर खरीदे थे। बिजनैस, व्यापार, उद्योग, कानूनी पेशे और राजनीति में उच्च पदों पर बैठे हुए लोगों के नाम इस सूची में हैं। यह सूची जनवरी, 2017 में...

नेशनल डेस्कः आयकर विभाग के जांच विंग ने समाज के उन 50 ताकतवर लोगों को नोटिस भेजा है जिन्होंने नीरव मोदी के शोरूमों से जेवर खरीदे थे। बिजनैस, व्यापार, उद्योग, कानूनी पेशे और राजनीति में उच्च पदों पर बैठे हुए लोगों के नाम इस सूची में हैं। यह सूची जनवरी, 2017 में नीरव मोदी के शोरूमों से बरामद की गई थी जिनमें 260 नाम थे। आयकर विभाग ने केवल 50 व्यक्तियों को ही नोटिस दिया है। बिजनैसमैनों को नोटिस भेजना खतरनाक है क्योंकि कम्प्यूटर आधारित दस्तावेजों के आधार पर नोटिस नहीं भेजे जा सकते। आयकर विभाग ने हर नाम पर कड़ी मेहनत की। उनकी पिछले कई वर्षों की आयकर रिटर्नों को चैक किया और तब जाकर उन्हें नोटिस भेजा।

नीरव मोदी के शोरूम से बरामद दस्तावेजों में दिल्ली और मुम्बई के ताकतवर लोगों के नाम हैं जिन्होंने नकदी में ज्यूलरी खरीदी थी। कर विभाग के दस्तावेजों में दिखाया गया है कि अगर 2010-11 के दौरान ऐसे ग्राहकों की संख्या केवल 7 थी तो अगले वर्ष यह संख्या 27 तक बढ़ गई। 2012-13 के दौरान इन ग्राहकों की संख्या 29 हो गई। नीरव मोदी ने अपने बिजनैस की नई ऊंचाइयों को छुआ और इन वी.आई.पी. ग्राहकों की संख्या भी बढ़ती गई। 2013-14 के दौरान खरीदारों की सूची में 43 नाम शामिल हो गए। अगले वर्ष यह संख्या 80 तक पहुंच गई। 2015-16 के दौरान नीरव मोदी के चहेतों की सूची 82 तक पहुंच गई। आयकर विभाग के लिए यह बहुत ही कठिन काम था क्योंकि अधिकांश खरीदार उन उद्योगों के मालिक हैं जिनका कारोबार करोड़ों में था। अगर वे 1 या 2 करोड़ रुपए की ज्यूलरी खरीदते हैं तो उनसे बिना किसी सबूत के पूछताछ करना बहुत कठिन होगा।

शोरूमों से केवल हस्तलिखित शीटों की बरामदगी और कम्प्यूटर दस्तावेज अपने आप में कोई सबूत नहीं। आयकर विभाग शोरूम स्टाफ के बयान रिकार्ड करना चाहता है जिसने इन ग्राहकों को ज्यूलरी बेची थी क्योंकि इनमें से अधिकांश ने क्रैडिट कार्ड के जरिए पेमैंट की थी और अपना पैन कार्ड भी पंजीकृत करवाया था। शेष राशि नकदी में दी थी जिसके बारे में वे इंकार कर सकते हैं। डी.आर.आई. और कस्टम विभाग ने 2013 में कर चोरी के मामले को लेकर नीरव मोदी के खिलाफ अलग केस दर्ज करवाए हैं। आयकर विभाग ने उनके खातों में 4900 करोड़ रुपए का अघोषित फंड पाया है। डी.आर.आई. और आई.टी. ने 2013-17 के बीच नीरव मोदी व चोकसी की कई बार जांच की तथा हर बार वे शानो-शौकत के साथ बेदाग निकले।

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