नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया

Edited By shukdev,Updated: 27 Feb, 2019 09:46 PM

notice to center on petition against citizenship amendment bill

उच्चतम न्यायालय ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को चुनौती देने वाली एक याचिका पर बुधवार को केंद्र से जवाब मांगा। इस विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। शीर्ष अदालत ने ...

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को चुनौती देने वाली एक याचिका पर बुधवार को केंद्र से जवाब मांगा। इस विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। शीर्ष अदालत ने इससे पहले याचिका को लंबित रखने का फैसला किया था। उसने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून के अंतिम रूप लेने पर ही वह इसपर विचार करेगा। यह विधेयक फिलहाल राज्यसभा के पास लंबित है।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को नोटिस जारी करने का आदेश देते हुए छह सप्ताह में जवाब मांगा। पीठ ने हाल में जनहित याचिका पर अविलंब सुनवाई पर विचार किया। पीठ में न्यायमूर्ति एल एन राव और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी शामिल हैं। पीठ ‘नागरिकत्वा आइन सोंगसूधन बिरोधी मंच’ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

याचिका में ‘पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) संशोधन नियमावली, 2015 और विदेशी (संशोधन) आदेश को ‘भेदभावपूर्ण, मनमाना और अवैध’ करार देने की मांग की गई है। नागरिकता संशोधन विधेयक को लोकसभा में पारित किया जा चुका है। जनहित याचिका में इस आधार पर विधेयक का विरोध किया गया है कि नागरिकता कानून में धर्म को नए सिद्धांत के रूप में पेश किया गया है और इसे ‘सांप्रदायिक रूप से प्रेरित मानवतावाद’ बताया गया है।       

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