Edited By Seema Sharma,Updated: 22 Jul, 2018 10:30 AM
मोदी सरकार योग को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। इसके साथ ही वह देश और विदेश में योग अध्यापकों के हजारों रोजगार सृजित कर रही है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय को निर्देश दिया गया है कि वह फिजिकल इंस्ट्रक्टर के अतिरिक्त प्रत्येक स्कूल और...
नेशनल डेस्कः मोदी सरकार योग को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। इसके साथ ही वह देश और विदेश में योग अध्यापकों के हजारों रोजगार सृजित कर रही है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय को निर्देश दिया गया है कि वह फिजिकल इंस्ट्रक्टर के अतिरिक्त प्रत्येक स्कूल और कालेज में एक योग टीचर की नियुक्ति की संभावनाओं का पता लगाए। उन अन्य मंत्रालयों को भी इस निर्देश का पालन करने के लिए कहा गया है जिनके अधीन शैक्षणिक संस्थाएं हैं। ऐसी चर्चा है कि विदेश मंत्रालय को भी बताया गया है कि विश्व भर की राजधानियों में सभी भारतीय दूतावासों व सांस्कृतिक केंद्रों में योग गुरु का पद बनाया जाए। इन योग गुरुओं में से कुछ पीएच.डी. डिग्री होल्डर भी हैं। ये योग गुरु उन लोगों के लिए योग क्लासें आयोजित करते हैं जिनकी इसमें रुचि है और जो वेदों पर प्रवचन देते हैं। भारतीय समुदाय के सदस्यों को भी यह अधिकार दिया गया है कि वे योग शिक्षा के लिए इन नवनियुक्त योग गुरुओं को अपने घरों में भी आमंत्रित कर सकते हैं।
योग इस समय सबसे प्रमुख विषय है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद योग की प्रक्रिया को अपनाया और भारत के साथ संबद्ध किया तथा देश को इस क्षेत्र में सुपर पावर बनाया। मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले अभिभाषण के दौरान योग के लिए मैदान तैयार किया और वहां ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का फैसला किया। रोजगार सृजन के लिए योग अब एक बड़ा ‘टूल’ बन कर रह गया है। प्राकृतिक चिकित्सा और योग परिषद 4 वर्षीय डिग्री कोर्स चला रहे हैं। उन्होंने इसे एम.बी.बी.एस. के समान कोर्स घोषित किया है। प्रधानमंत्री निजी तौर पर सार्वजनिक रूप से योग सत्रों का नेतृत्व कर रहे हैं इसलिए यह देश और विदेश में लगातार लोकप्रिय हो रहा है। अब वह चाहते हैं कि प्रत्येक घर में इसे अपनाया जाए।