Edited By Hitesh,Updated: 10 May, 2021 12:19 PM
भारत के अधिकांश राज्यों को जहां कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने अपनी चपेट में लिया हुआ है, वहीं अब पहाड़ी इलाकों में भी यह जानलेवा वायरस तेजी से फैलने लगा है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। इसे एक प्रकार से गंभीर संकेत भी कहा जा रहा है क्योंकि इन...
नेशनल डेस्क: भारत के अधिकांश राज्यों को जहां कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने अपनी चपेट में लिया हुआ है, वहीं अब पहाड़ी इलाकों में भी यह जानलेवा वायरस तेजी से फैलने लगा है, जिससे संक्रमण का खतरा और भी बढ़ गया है। इसे एक प्रकार से गंभीर संकेत भी कहा जा रहा है क्योंकि इन इलाकों में पहले से ही स्वास्थ्य सेवाएं काफी कमजोर हैं। दुर्गम स्थानों के होने की वजह से यहां पर सुविधाएं पहुंचाने में भी काफी समय लग सकता है।
आंकड़ों की बात की जाए तो इस समय उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा संक्रमण की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। उत्तराखंड में 3.61 और हिमाचल प्रदेश में 3.33 फीसदी की रफ्तार से संक्रमण बढ़ता दिखाई दे रहा है, वहीं अगर राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो यह बढ़ोतरी दर केवल 1.90 फीसदी है। विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में संक्रमण को समय पर रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को सतर्क रहना जरूरी है। स्वास्थ्य अर्थशास्त्री प्रो. रिजो एम जॉन ने बताया है कि पहाड़ी इलाकों में स्थानीय स्तर पर अस्थायी कोविड अस्पताल तत्काल बनाने की जरूरत है, क्योंकि इस समय ग्रामीण क्षेत्र काफी बुरी तरह से प्रभावित हैं।