अब देश की सीमाओं का लिखा जायेगा इतिहास

Edited By vasudha,Updated: 18 Sep, 2019 03:48 PM

now the history of the country borders will be written

जम्मू-कश्मीर के एक हिस्से को पाकिस्तान के कब्जे से छुड़ाने के संकल्प के बीच सरकार ने लोगों में देश प्रेम की भावना जाग्रत करने और उन्हें सीमाओं तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से रूबरू कराने के लिए सीमाओं का इतिहास लिखवाने का निर्णय लिया...

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के एक हिस्से को पाकिस्तान के कब्जे से छुड़ाने के संकल्प के बीच सरकार ने लोगों में देश प्रेम की भावना जाग्रत करने और उन्हें सीमाओं तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से रूबरू कराने के लिए सीमाओं का इतिहास लिखवाने का निर्णय लिया है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् की प्रमुख हस्तियों और नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय, अभिलेखागार महानिदेशक, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय तथा रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ विचार विमर्श के बाद इस संबंध में निर्देश दिये।     

 

अपनी तरह की इस विशेष परियोजना में सीमाओं के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सीमाओं के इतिहास का उल्लेख किया जायेगा। इनमें सीमाओं के बने-बिगड़ने, निर्धारण, लोगों को दूसरी जगहों पर भेजे जाने, सुरक्षा बलों की भूमिका, सीमावर्ती क्षेत्रों की भूमिका और उनकी जातीयता, संस्कृति और उनके जीवन के सामाजिक आर्थिक पहलुओं का खास तौर पर उल्लेख किया जायेगा। इस परियोजना के दो वर्षों में पूरा होने की संभावना है। 

 

रक्षा मंत्री ने भारतीय सीमाओं के इतिहास लेखन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे सामान्य लोगों की सीमाओं के बारे में समझ बढेगी और अधिकारियों को इससे विशेष मदद मिलेगी। उन्होंने बैठक में दिये गये सुझावों की सराहना की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस परियोजना को समय से पूरा करने के लिए जरूरी स्रोत सामग्री, इसके आयामों, तरीके और कार्य योजना पर विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करें।  

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