अब रिटायर जज भी बन सकेंगे मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, लोकसभा से पारित हुआ विधेयक

Edited By Yaspal,Updated: 19 Jul, 2019 06:42 PM

now the retired judge will be able to become the president of the nhrc

मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2019 शुक्रवार को लोकसभा में पारित हो गया। इससे राष्ट्रीय तथा राज्य मानवाधिकार आयोगों में खाली पदों को भरने में मदद मिलेगी। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुये कहा...

नई दिल्लीः मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2019 शुक्रवार को लोकसभा में पारित हो गया। इससे राष्ट्रीय तथा राज्य मानवाधिकार आयोगों में खाली पदों को भरने में मदद मिलेगी। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुये कहा कि मोदी सरकार इस ध्येय से काम कर रही है कि किसी भी व्यक्ति पर अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और न ही किसी अत्याचारी को बख्शा जायेगा।

नित्यानंद राय  ने कहा कि मानवाधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें सुद्दढ़ बनाने के उद्देश्य से यह विधेयक लाया गया है। विधेयक में प्रावधान है कि उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष बन सकेंगे। अभी सिर्फ उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ही इस पद के पात्र हैं। इसी प्रकार विधेयक में राज्य मानवाधिकार आयोगों के अध्यक्ष पद के लिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को भी पात्र बनाने की व्यवस्था है।

राय ने कहा कि 25 में से 13 राज्यों के मानवाधिकार आयोग में अध्यक्ष के पद खाली हैं। कई राज्यों में आयोग में पूरे सदस्य नहीं हैं। आयोगों के अध्यक्षों के पद खाली रहने से मामलों की सुनवाई तथा प्रक्रिया में देरी हो रही है। इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद ये पद भरे जा सकेंगे तथा लंबित मामलों में कमी आयेगी।

 

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