विशेषज्ञों की राय, अब भारत में कोविड-19 टीके की बूस्टर डोज लगाने की नहीं है जरूरत

Edited By Hitesh,Updated: 18 Sep, 2021 04:16 PM

now there is no need to apply booster dose of covid 19 vaccine in india

क्या कोविड रोधी टीके की ‘बूस्टर'' (तीसरी) खुराक कोरोना वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भारत की जरूरत के अनुरूप बढ़ा सकती है? इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि आबादी के अधिकांश हिस्से का पूर्ण टीकाकरण हो जाने पर ही यह एक आदर्श स्थिति होगी। कोविड...

नेशनल डेस्क: क्या कोविड रोधी टीके की ‘बूस्टर' (तीसरी) खुराक कोरोना वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भारत की जरूरत के अनुरूप बढ़ा सकती है? इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि आबादी के अधिकांश हिस्से का पूर्ण टीकाकरण हो जाने पर ही यह एक आदर्श स्थिति होगी। कोविड रोधी टीके की बूस्टर खुराक लगाने पर वैश्विक चर्चा गति पकड़ रही है। यहां कई वैज्ञानिकों ने कहा है कि प्राथमिकता इस स्थिति को देनी चाहिए, जिसमें अधिकतर लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक लग गई हो।

प्रतिरक्षा वैज्ञानिक सत्यजीत रथ ने कहा कि भारत में 15 फीसदी से कम वयस्कों को टीके की दोनों खुराकें लगी हैं और इससे साफ है कि संक्रमण के प्रति संवेदनशील सभी भारतीयों को टीके की दोनों जरूरी खुराकें नहीं लगी है। दिल्ली के राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान (एनआईआई) से संबंधित रथ ने पीटीआई-भाषा से कहा कि उन्हें लगता है कि इस वक्त तीसरी खुराक देने की योजना बनाना नैतिक तौर पर जल्दबाजी है। उन्होंने कहा, “ अभी हमें साफ-साफ यह पता नहीं है कि संक्रमण के प्रति कौन अधिक संवेदनशील है। हमें यह भी नहीं पता है ऐसी कौन सी बीमारियां हैं जो (संक्रमण के कारण) गंभीर रूप से बीमार कर सकती हैं, लेकिन मौजूदा टीकों की दोनों खुराकें उन सभी के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा देती हैं।”

प्रतिरक्षा विज्ञानी विनीता बल ने भी इस बात पर सहमति जताई है कि भारत को इस स्तर पर वर्धक खुराक देने के बारे में विचार नहीं करना चाहिए, जब देश की करीब 40 फीसदी आबादी को टीके की पहली खुराक ही नहीं लगी है। उनका मानना है कि पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित संवेदनशील लोगों को मामला-दर-मामला आधार पर टीके की अतिरिक्त खुराक देने के बारे में विचार किया जा सकता है। पुणे स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंसाधन संस्थान में अतिथि संकाय विनीता ने कहा, “लेकिन यह याद रखना होगा कि अतिरिक्त खुराक वायरस के विशिष्ट रूपों को कवर नहीं करती है जो अधिक ‘खतरनाक' माने जाते हैं।”

उन्होंने कहा, “ रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिहाज़ से अतिरिक्त खुराक की उपयोगिता सीमित होगी।” बहरहाल, भारत ने अभी टीके की तीसरी खुराक लगाना शुरू नहीं किया है, लेकिन ऐसी खबरें हैं कि मुंबई में कुछ स्वास्थ्य कर्मियों और राजनीतिक नेताओं ने टीके की तीसरी खुराक लगवाई है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि बूस्टर खुराक देना फिलहाल मुख्य विषय नहीं है और टीके की दो खुराकें लगाना पहली प्राथमिकता है।

 

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