Edited By shukdev,Updated: 28 Aug, 2018 05:50 PM
सुप्रीम कोर्ट ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) विवाद पर मंगलवार को महत्वपूर्ण आदेश दिया है। कोर्ट ने NRC मसौदे से बाहर रखे गए 10 प्रतिशत लोगों के पुन:सत्यापन का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि एनआरसी से बाहर रखे गए 10 प्रतिशत लोगों का...
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) विवाद पर मंगलवार को महत्वपूर्ण आदेश दिया है। कोर्ट ने NRC मसौदे से बाहर रखे गए 10 प्रतिशत लोगों के पुन:सत्यापन का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि एनआरसी से बाहर रखे गए 10 प्रतिशत लोगों का पुन:सत्यापन अदालत के संतोष के लिए सिर्फ एक नमूना सर्वेक्षण है, इसके कार्यक्रम पर बाद में फैसला होगा।
कोर्ट ने एनआरसी मसौदे के संबंध में दावा और आपत्तियां स्वीकार करने के लिए निर्धारित 30 अगस्त की तिथि स्थगित की और उसने केन्द्र की मानक संचालन प्रक्रिया में विरोधाभासों पर सवाल उठाए। दरअसल, इसे फाइल करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रसीजर में विरोधाभासों पर सवाल उठाया है।
उल्लेखनीय है कि NRC लिस्ट का दूसरा ड्राफ्ट 30 जुलाई को प्रकाशित हुआ था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ नाम शामिल किए गए थे। इस लिस्ट में 40,70,707 लोगों के नाम दर्ज नहीं हैं। इनमें से 37,59,630 नामों को अस्वीकार कर दिया गया जबकि बाकी 2,48,077 पर फैसला होना बाकी है।
इससे पहले 31 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि एनआरसी में शामिल न किए गए 40 लाख से ज्यादा लोगों के खिलाफ प्रशासन की ओर से कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने कहा था कि अभी यह केवल एक ड्राफ्ट है।