Edited By shukdev,Updated: 25 Sep, 2018 07:04 PM
असम में 40 लाख लोगों की तकदीर तय करने के लिए नागरिक पंजी के मसौदे को लेकर दावों और आपत्तियां दर्ज कराने की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू हुई। इस मसौदा पंजी में 40 लाख लोगों को जगह नहीं मिली थी। राष्ट्रीय नागरिक पंजी का मसौदा 30 जुलाई को प्रकाशित हुआ था...
गुवाहाटी: असम में 40 लाख लोगों की तकदीर तय करने के लिए नागरिक पंजी के मसौदे को लेकर दावों और आपत्तियां दर्ज कराने की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू हुई। इस मसौदा पंजी में 40 लाख लोगों को जगह नहीं मिली थी। राष्ट्रीय नागरिक पंजी का मसौदा 30 जुलाई को प्रकाशित हुआ था और उसमें कुल 3.29 करोड़ आवेदनों में से 2.9 करोड़ लोगों को जगह मिली थी।
एनआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि दावे और आपत्ति प्रक्रिया 23 नवंबर तक जारी रहेगी तथा 2500 केंद्रों पर फार्म उपलब्ध होंगे जहां लोग अपने संबंधित क्षेत्रों में अपनी अपील दायर कर सकते हैं। अधिकारी ने बताया कि लोग मसौदे में अपने नामों में सुधार के लिए आवेदन दे सकते हैं। वे संदिगध विदेशी के खिलाफ आपत्ति भी कर सकते हैं। राजनीतिक दलों और कई संगठनों ने दावे फाइल करने में लोगों की मदद के लिए केंद्र स्थापित किए हैं। प्रशासन ने 15 दस्तावेजों के आधार पर आवेदकों के नाम मसौदा सूची में शामिल किए थे।
हाल ही में एनआरसी के प्रदेश संयोजक प्रतीक हाजेला ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि पांच दस्तावेजों पर अंतिम सूची के लिए विचार नहीं किया जाना चाहिए। उनमें 1951 की एनआरसी, 1971 से पहले की मतदातासूची, नागरिकता प्रमाणपत्र, शरणार्थी पंजीकरण प्रमाणपत्र और राशन कार्ड शामिल हैं। एनआरसी अद्यतन पर नजर रख रही शीर्ष अदालत हाजेला के अनुरोध पर 23 अक्तूबर को आदेश देगी।