असदुद्दीन ओवैसी ने अजित डाभोल से पूछा, देश में धार्मिक कट्टरता कौन फैला रहा है

Edited By Anu Malhotra,Updated: 01 Aug, 2022 03:02 PM

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एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डाभोल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि देश में धार्मिक कट्टरता कौन फैला रहा है।

जयपुर: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डाभोल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि देश में धार्मिक कट्टरता कौन फैला रहा है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख ने  कहा कि हम तो यह उम्मीद कर रहे थे कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बताते कि वो चंद लोग कौन हैं..उन्हें देश को बताना चाहिए वो लोग कौन हैं। उन्हें स्पष्ट बोलना चाहिए। डोभाल ने शनिवार को विभिन्न धर्मों के नेताओं से धर्म और विचारधारा के नाम पर वैमनस्यता पैदा करने की कोशिश कर रही कट्टरपंथी ताकतों का मुकाबला करने का आग्रह किया, जो देश पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।

डोभाल ने ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल (एआईएसएससी) द्वारा आयोजित एक अंतरधार्मिक सम्मेलन में विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं की उपस्थिति में यह टिप्पणी की। ‘‘विभाजनकारी एजेंडा’’ को आगे बढ़ाने और ‘‘राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों’’ में शामिल होने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की वकालत करते हुए सम्मेलन में एक प्रस्ताव पारित किया गया। हालांकि, ओवैसी ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या देश में पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। कट्टरपंथ को बढ़ावा देने संबंधी आरोपों पर ओवैसी ने कहा कि हां पूरे भारत में हम ही कट्टरता फैलाते हैं, बाकी सब दूध के धुले हैं। 

श्रीलंका में राजनीतिक संकट के बारे में उन्होंने कहा कि श्रीलंका की ये स्थिति इसलिये हुई क्योंकि वहां की सरकार ने बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे का समाधान नहीं किया...जनता को कुछ बताया नहीं। उन्होंने कहा कि ‘‘डेटा निकलना चाहिए...डेटा बताना चाहिए..हम उम्मीद करते हैं कि भारत में उस तरह के हालात ना पैदा हो।  उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों से कार्यपालिका संसद में विधायका को कमजोर करने का प्रयास कर रही है जिससे बहस की गुंजाइश कम हो गई है।

ओवैसी ने कहा कि संसद के मॉनसून सत्र में 14 विधेयक पेश हुए और चंद मिनटों में पास भी हो गये। संसद में एक साल में सिर्फ 60-65 दिन ही बैठक होती है ऐसे में कैसे हम जनता के मुद्दों को उठाएंगे।  उदयपुर की घटना के सवाल पर ओवैसी ने कहा ‘‘हमने घटना की निंदा की है और हमारा मानना है कि जब कन्हैयालाल ने पुलिस को शिकायत दी थी तब पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी। अगर उस वक्त कार्रवाई की गई होती यह घटना नहीं होती। एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि राजस्थान में आगामी माह में पार्टी का एक कार्यक्रम भी होगा।

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