Edited By Monika Jamwal,Updated: 03 May, 2018 11:55 AM
केंद्र ने पीर पंचाल क्षेत्र के माध्यम से जम्मू-कश्मीर संभागों को जोडऩे वाले मुगल रोड पर राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति को लागू करने के लिए सैद्धांतिक रूप में सहमत हो गया है।
श्रीनगर : केंद्र ने पीर पंचाल क्षेत्र के माध्यम से जम्मू-कश्मीर संभागों को जोडऩे वाले मुगल रोड पर राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति को लागू करने के लिए सैद्धांतिक रूप में सहमत हो गया है। केंद्र ने वैलू-सिंघपोरा और चनैनी-सुद्धमहादेव सुरंगों का निर्माण काम शुरू करने में तेजी लाने के लिए फास्ट ट्रैक मोड पर करने का भी फैसला किया है। इन निर्णयों को केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग (एमओआरटीएच) मंत्री, नितिन गडकरी तथा मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ संयुक्त रूप से आयोजित अधिकारियों की बैठक में लिया गया।
बैठक में सूचित किया गया था कि इनके लिए परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है और केंद्र सरकार द्वारा परामर्श रिपोर्ट पहले से ही प्राप्त की जा चुकी है और इन सडक़ों पर बर्फ पिघलने के साथ आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। कश्मीर और शेष देश के लोगों के बीच मानसिक विभाजन को ब्रिज करने में महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इन सुरंग परियोजनाओं को मिशन मोड में राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में लेने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने बारामूला-गुलमर्ग-लोरेन रोड की तेजी से ट्रैकिंग भी की, जिसे 2015 में स्थापित किया गया था। सडक़ गुलमार्ग को पूनच के माध्यम से वैकल्पिक कनेक्टिविटी प्रदान करेगी जिससे इस प्रकार अधिक अंतर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो सके, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके।
नई तकनीकों को अपनाने पर बल
केंद्रीय मंत्री ने संबंधित एजेंसियों को निर्माण पर आगे बढऩे के लिए नवीनतम तकनीकों और मिट्टी स्थिरीकरण विधियों का उपयोग करने का निर्देश दिया ताकि परियोजना जल्द से जल्द पूरी हो सके। महबूबा मुफ्ती ने अनंतनाग के साथ डोडा जिले को जोडऩे वाले 80 किलोमीटर लंबी डोडा-देसा-कापरान रोड का मुद्दा भी उठाया। केंद्रीय मंत्री ने परियोजना पर सभी औपचारिकताओं को पूरा करने का निर्देश दिया जिसमें त्वरित मंजूरी के लिए वन मंजूरी शामिल है। मुख्यमंत्री ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने और रामबन-बनिहाल खिंचाव के रास्ते में आने वाली बाधाओं को भी उठाया। उन्होंने परियोजना को राष्ट्रीय महत्व को जोडऩे पर जोर दिया क्योंकि यह देश का बाकी हिस्सों के साथ कश्मीर घाटी को जोडऩे वाला एकमात्र राजमार्ग है।
केन्द्र ने दिया आश्वासन
केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि वह जल्द ही सभी संबंधित एजेंसियों के साथ इन सभी कनेक्टिविटी परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा करेंगे। उन्होंने एक विशेषज्ञ टीम गठित करने भी निर्देशित किया जो जवाहर सुरंग पर जायेगी और मुख्यमंत्री द्वारा सुझाए गए मरम्मत का निरीक्षण करेगा।