वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों की संख्या कोविड-19 से कहीं ज्यादा हो सकती है: रणदीप गुलेरिया

Edited By rajesh kumar,Updated: 23 Oct, 2024 03:15 PM

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दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर मेदांता के इंटरनल मेडिसिन, रेस्पिरेटरी और स्लीप मेडिसिन के चेयरमैन और एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों की संख्या कोविड-19 से...

नेशनल डेस्क: दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर मेदांता के इंटरनल मेडिसिन, रेस्पिरेटरी और स्लीप मेडिसिन के चेयरमैन और एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों की संख्या कोविड-19 से कहीं ज्यादा हो सकती है। हाल ही में दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गिरता जा रहा है। कई हिस्सों में धुंध छाई हुई है और आज सुबह AQI 354 दर्ज किया गया, जो "बहुत खराब" श्रेणी में आता है।

वायु प्रदूषण से 8 मिलियन लोगों की मौत हुई- गुलेरिया
डॉ. गुलेरिया ने बताया कि 2021 में वायु प्रदूषण के कारण दुनिया भर में 8 मिलियन लोगों की मौत हुई, जो कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या से अधिक है। उन्होंने कहा, "हम कोविड के बारे में चिंतित हैं, लेकिन वायु प्रदूषण की गंभीरता को नजरअंदाज कर रहे हैं।" उन्होंने बताया कि भारत के हालिया आंकड़ों के अनुसार, 2.5 माइक्रोमीटर या उससे छोटे कणों (PM 2.5) के बढ़ने से मृत्यु दर में इजाफा होता है। ये कण श्वसन और हृदय संबंधी समस्याओं को बढ़ाते हैं, जिससे कई मरीज ICU या वेंटिलेटर पर पहुंच जाते हैं।

डॉ. गुलेरिया ने यह भी बताया कि वायु प्रदूषण हृदय रोगियों में हृदय की वाहिकाओं में सूजन पैदा कर सकता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। प्रदूषण केवल फेफड़ों और हृदय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है।

दिल्ली का AQI 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने की संभावना
पर्यावरण मंत्रालय ने बताया कि आने वाले दिनों में दिल्ली का AQI "बहुत खराब" श्रेणी में रहने की संभावना है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने प्रदूषण रोकने के लिए ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के दूसरे चरण को लागू किया है, जिसमें 11-सूत्रीय कार्य योजना शामिल है।

सीएक्यूएम की लोगों से अपील 
सीएक्यूएम ने लोगों से अपील की है कि वे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें, निजी वाहनों का इस्तेमाल कम करें और अपने वाहनों के एयर फिल्टर नियमित रूप से बदलें। लोगों को धूल उत्पन्न करने वाली गतिविधियों और ठोस कचरे को खुले में जलाने से बचने की भी सलाह दी गई है। इस बीच, दिल्ली में यमुना नदी में जहरीला झाग भी देखा गया है, जिससे प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया है।

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