प्रैस फ्रीडम डे पर खुलासा- पत्रकारों की हत्याओं में  57% इजाफा, 4 माह में 44 ने गंवाई जान

Edited By Tanuja,Updated: 03 May, 2018 04:12 PM

number of journalists killed in 2018 soars by 57 pct

एक तरफ दुनिया आज प्रैस फ्रीडम डे मना रही है, वहीं दूसरी तरफ पत्रकारों की हत्याएं बेहद नाटकीय ढंग से बढ़ी हैं।  साल 2018 में अब तक 18 देशों के 44 पत्रकारों को मौत के घाट उतारा जा चुका है...

जिनेवा: एक तरफ दुनिया आज प्रैस फ्रीडम डे मना रही है, वहीं दूसरी तरफ पत्रकारों की हत्याएं बेहद नाटकीय ढंग से बढ़ी हैं।  साल 2018 में अब तक 18 देशों के 44 पत्रकारों को मौत के घाट उतारा जा चुका है। ये इस साल के पहले चार महीनों का आंकड़ा है।  पिछले साल इतने ही समय में 28 पत्रकारों की जानें गई थीं। ये तथ्य जिनेवा आधारित प्रैस एंब्लेम कैंपेन ने जारी किए हैं। 

प्रैस  एंब्लेम कैंपेन ने  इसकी घोर निंदा करते हुए पत्रकारों की हत्याओं में हुए 57% के इजाफे का हवाला दिया है। संस्था ने आगे कहा, "अफगानिस्तान के काबुल में हुए धमकों में मारे गए 9 पत्रकारों की घटना से संस्था स्तब्ध है।" घटना की कड़ी निंदा करते हुए संस्था ने कहा है कि भीड़ में मौजूद पत्रकारों को निशाना बनाना घिनौना कृत्य है। 

बता दें कि अफगानिस्तान के काबुल में पत्रकार (कैमरामैन) का भेष बनाए एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को भीड़ के बीच उड़ा लिया था जिससे आधा दर्जन से ज़्यादा पत्रकारों की जानें चली गई थीं। नमें एक AFP का पत्रकार भी शामिल था।  भारत में इस साल अप्रैल तक 3 पत्रकारों की हत्याएं हुई हैं। अफगानिस्तान में सबसे ज़्यादा 11, मेक्सिको में 4, सीरिया में 4, इक्वाडोर में 4, यमन में 3 और ब्राज़ील से लेकर गज़ा, गुएट माला, पाकिस्तान में 2-2 पत्रकारों की हत्याएं हो चुकी  हैं। 

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