बच्चों के लिए खतरनाक है मोटापा, हो रहे  हाई बी.पी. के शिकार

Edited By vasudha,Updated: 02 Apr, 2020 11:06 AM

obesity is dangerous for children

एक दशक में दोगुने बच्चे हाई ब्लड प्रैशर (बी.पी.) के शिकार हो गए हैं। 1990 के दशक में सिर्फ एक फीसदी बच्चों और किशोरों को हाई बी.पी. की तकलीफ थी लेकिन साल 2000 के बाद पैदा होने वाले बच्चों में यह बीमारी ज्यादा पाई जा रही है। यह खुलासा ऑक्सफोर्ड...

नेशनल डेस्क: एक दशक में दोगुने बच्चे हाई ब्लड प्रैशर (बी.पी.) के शिकार हो गए हैं। 1990 के दशक में सिर्फ एक फीसदी बच्चों और किशोरों को हाई बी.पी. की तकलीफ थी लेकिन साल 2000 के बाद पैदा होने वाले बच्चों में यह बीमारी ज्यादा पाई जा रही है। यह खुलासा ऑक्सफोर्ड यूनिवॢसटी द्वारा 1994 से लेकर 2018 तक किए गए डाटा विश्लेषण से हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, 2015 में पूरी दुनिया के 6 फीसदी बच्चे हाई बी.पी. से पीड़ित थे जबकि वर्ष 2000 में यह आंकड़ा 3 फीसदी था। जिन बच्चों का वजन अधिक हो या मोटे हों उनमें हाईपरटैंशन का खतरा अधिक होता है।

 

बच्चों का खान-पान सबसे बड़ा कारण
बच्चों का खान-पान उनको होने वाली बीमारियों का बड़ा कारण है जो महामारी का रूप लेते जा रहा है। गलत खान-पान और रहन-सहन से यह तेजी से पांव पसार रहा है।

 

खराब जीवनशैली से बढ़ रही परेशानी
ब्लड प्रैशर यू.के. के सी.ई.ओ. जेनर ने बताया कि बच्चों में हाई बी.पी. की परेशानी खराब जीवनशैली से बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि पहले लोग हाई बी.पी. को 60 से अधिक उम्र वालों की बीमारी मानते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। नमक का अधिक सेवन, फल और हरी सब्जियां न खाने और व्यायाम न करने से 30 से 40 साल के लोगों को हाईपरटैैंशन के चलते दिल का दौरा पड़ता है जो मौत का एक बड़ा कारण है। 

 

मोटापे से महिलाओं को ज्यादा नुक्सान
मोटापा मनुष्य जीवन के लिए सबसे खतरनाक है जो हाईपरटैंशन की एक बड़ी वजह है।
पुरुषों में मोटापे से हाई बी.पी. की संभावना दोगुनी जबकि महिलाओं में तीन गुना होती है।

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